आज हम आपको एक ऐसे पत्रकार के बारे में बताने जा रहे हैं जो हर चैनल को अपने घर का समझता है। यह पत्रकार बहुत ही पुराने है और ट्राईसिटी के मोहाली एरिया में काम करते हैं। यह बहुत ही मशहूर हैं और अकसर ब्लैकमेल करने या ठग्गी करने के कारण जेल की हवा तक खा चुके हैं।
यह जनाब खुद को न जाने कितने चैनलों का पत्रकार बताते हैं। हर बार फसने के बाद भी इनकी हिम्मत इतनी है कि इनको कोई डर नहीं लगता है। यह खुलेआम ब्लैकमेल, ठग्गी, धौंस जमाना जैसे काम करते हुए पाए जाते हैं। हाल ही में इनको कुछ दयालु पत्रकार एक मामले में जेल होने पर जमानत तक करवा कर लाए थे।
अब बताते हैं इनके किस्से! बात कुछ महीने पुरानी है जब एक बहुत ही सीनियर पत्रकार बीमार हुए। उनका इतना नाम चलता है कि उनको हर कोई जानता है और उनका आदर-सम्मान भी बहुत किया जाता है। जब सीनियर पत्रकार बीमार थे तो इन जनाब ने एक प्राइवेट कंपनी के मालिक को एप्रोच किया और उनसे सीनियर पत्रकार के इलाज में मदद करने के लिए आर्थिक सहायता मांगी। कंपनी के मालिक ने अच्छी-खासी रकम इन जनाब को पकड़ा दी। जब कई महीने बाद वे सीनियर पत्रकार ठीक होकर काम पर वापिस आए और एक दिन उनकी मुलाकात उस कंपनी के मालिक से हुई तो बातों-बातों में मालूम पड़ा कि ये जनाब उनके नाम से पैसे लेकर गए थे। सीनियर पत्रकार ने मालिक को बताया कि उनको आर्थिक सहायता की कोई आवश्यकता नहीं पड़ी थी। लो जी… आज तक गिरते हुए बहुत लोग देखे थे… ये जनाब तो एक लेवल ज़्यादा ही गिर गए। किसी साथी पत्रकार की बीमारी का फायदा उठाना कहाँ तक बर्दाश्त किया जा सकता है??
अब बताते है एक और बात!! इनको किसी चैनल से कोई लेटर नहीं मिला हुआ है कि आप हमारे चैनल का नाम इस्तेमाल कर सकते हैं या आप हमारे लिए काम करते हैं। उसके बाद भी ये जनाब कम से कम 4 चैनलों का नाम इस्तेमाल करते हैं। 2 चैनल छोटे और 2 चैनल बड़े। कई वार्निंग मिलने के बाद भी ये जनाब बाज़ नहीं आए हैं।
इन्होंने पंजाब के पीआर डिपार्टमेंट का भी ऐसा बेवकूफ बनाया है कि इन चैनलों का नाम इस्तेमाल कर और कोई जुगाड़ लगा कर इन्होंने अपने लिए पंजाब सरकार की ओर से प्रेस का आई-कार्ड भी बनवा रखा है। अब इनकी हरकतें देख साफ पता चलता है कि ये किसी फ़र्ज़ी पत्रकार से कम नहीं हैं! लेकिन जो हक एक असली और मेहनती पत्रकार को मिलने चाहिए वे हक ये फ़र्ज़ी लोग लिए बैठे हैं। जब तक सही लोग इसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठाते तब तक फ़र्ज़ी पत्रकार इस प्रकार ही फायदा उठाते रहेंगे।
जनाब अपने ईमेल में सभी चैनलों के नाम लिख कर भेजते हैं जिसका ये खुद को पत्रकार बताते हैं। उसको देख कर ऐसा लगता है जैसे चैनलों की होलसेल की दुकान खुली थी और इन्होंने सबसे ज़्यादा चैनल अपने नाम कर लिए हों!!!!!