चंडीगढ़
1 अप्रैल 2017
दिव्या आज़ाद
सेक्टर-20 स्थित चैतन्य गौड़ीय मठ में आयोजित 47वें धर्म सम्मेलन के दूसरे दिन 5 दिवसीय धर्म सभा का आरंभ किया गया। इस सम्मेलन के लिए पूरे मठ और सेक्टर को लाइटों, फूलों व झंडों से दुल्हन के रूप में सजाया गया है। शनिवार रात 8 बजे शुरू हुई इस सभा में सभा पति जगदीश कौशल (हरियाणा मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सचिव) और चीफ गेस्ट के रूप में चंडीगढ़ महापौर आशा जसवाल उपस्थित रहे।
इस धर्म सभा में महाराज ने कथा सुनाई। पहले दिन सभा का विषय रहा “पूर्ण शरणागत व्यक्ति पर ही भगवान की कृपा होती है”। विशेष रूप से कोलकाता से आए आचार्य महाराज और दिल्ली से आए महावीर महाराज ने कथा बोली जिसे भक्तों ने बड़े ध्यान से सुना। कोलकाता से आए आचार्य महाराज ने कहा कि शरणागति भगवान के प्रेम की बुनियाद होती है। जहाँ भगवान का प्रेम होता है वहीं भगवान व्यक्ति की मनोकामना पूरी करते हैं। प्रेम की भूमिका होती है शरणागति। भगवान अपने प्रेमी भक्तों की हर इच्छा को पूरा करते हैं। व्यक्ति जब शरणागत होने लगता है तब भगवान उनकी ओर विशेष ध्यान देने लगते हैं।
दिल्ली से आए महावीर महाराज ने अपनी कथा में कहा कि शरणागति के बिना इस संसार में कोई भी कार्य नहीं हो सकता चाहे वह संसारिक कार्य है या धार्मिक कार्य। भक्ति का प्रथम पाठ है शरणागति इसलिए भगवान के प्रति शरणागत तो होना ही पड़ेगा।
इसके बाद हजारों भक्तों ने रात का भंडारा प्रसाद ग्रहण किया व कीर्तन नृत्य का आनंद लिया। यह सम्मेलन 6 अप्रैल तक प्रतिदिन चलेगा जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे।
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