मोहाली
24 अप्रैल 2021
दिव्या आज़ाद
गांव माणकपुर कल्लर के पास करोड़ों रूपए का भू=माफिया लोगों के साथ मिल कर शुरू किया गया प्रोजेक्ट लैंड चैस्टर अब नए विवादों में आ चुका है। इतना ही नहीं अब जिन लोगों को इस प्रोजेेक्ट में आने वाली जमीनों के पैसे और अन्य तरह के बनने मुआवजे नहीं दिए गए। अब वह सरेआम लैंडचेस्टर प्रोजेक्ट के मालिकों के खिलाफ आवाज उठाने लगे हैं और यहीं कारण है कि किसी भी गरीब के साथ हो रहे अत्याचारों और नजायज कब्जों को लेकर मुझे उनका समर्थन देना पड़ रहा है। इतना ही जब तक आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा और गरीब गांवों वालों को इंसाफ न दिला दू तक तक चैन से बैठने वाला नहीं हूं। यह विचार आज आम आदमी पार्टी जिला मोहाली के यूथ विंग प्रधान व सीनियर यूथ लीडर गुरतेज सिंह पन्नु ने आयोजित एक प्रैसवार्ता के दौरान पत्रकारों को दी। इस दौरान उनके साथ भारी संख्या में लैंडचेस्टर मालिकों के सताए गांव माणकपुर वासी भी उपस्थित थे, जिन्होंने मीडिया के सामने अपनी समस्याएं और आपबीती घटनाओं का जिक्र किया और इंसाफ की गुहार लगाई।
आप नेता गुरतेज सिंह पन्नु ने बताया कि लैंडचेस्टर के मालिक मौजूदा नगर निगम मोहाली के मेयर हैं और ऐसे आदमी को मोहाली का मेयर बनाया गया है जो पहले ही भू-माफिया और शमशानघाट तक को कब्जा करने से बाज नहीं आ रहा है। उन्होंने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि गांव माणकपुर कल्लर में लैंड चेस्टर के साथ ही गांव का एससी/ बीसी का शमशानघाट जुड़ है जिस पर लैंडचेस्टर के मालिकों और अमरजीत सिंह जीती सिद्वू की नजर है । उन्होंने बताया कि पहले तो शमशानघाट को इन लोगों के द्वारा तोड़ दिया गया और जब गांव वालों से विरोध किया और दूबारो से शमशानघाट को बनाने की कोशिश की तो भू-माफिया के लोग इस पंचायत जमीन पर बने शमशानघाट के रास्ते को भी खत्म करने लगे हैं जिसके चलते पीडि़तों ने इंसाफ के लिए पहले पुलिस और फिर थक हार कर अब अदालत का सहारा लेने का फैसला किया है।
इस दौरान पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए उनके वकील अनिल सागर और यूथ लीडर गुरतेज सिंह पन्नु ने कहा कि गरीबों के साथ धक्का नहीं होने दिया जाएगा और उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा। क्योंकि जिस जमीन की लड़ाई और इंसाफ के लिए पीडि़त लड रहे हैं वह जमीन पंचायती जमीन हैं और उसकी जमाबंदी वर्ष 2015-2016 की कापी तक उनके पास मौजूद है। लेकिन जीती अपनें मंत्री भाई बलबीर सिंह सिधु की सरकार के अंदर पावर के चलते लोगों के हक की बात सुन रहे।