चंडीगढ़
13 जुलाई 2017
दिव्या आज़ाद
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैरा ने भुलथ हलके से अपना नामांकन पत्र दाखिल करते हुए गलत बयान दिए हैं । ये आरोप लगाते हुए रणजीत सिंह राणा ने बताया कि सुखपाल सिंह खेरा ने फार्म -26,जो चुनाव के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार के लिए सभी रिकॉर्डों का हलफनामा होता है उसमें सुखपाल सिंह खेरा ने झूठे बयान दिए हुए हैं । उन्होंने सरकार से मांग की कि सुखपाल सिंह खैरा के विरुद्ध धारा 181,420,465,468,470 और धारा 471के तहत कानूनी कार्यवाई और उनकी सदस्यता रद्द की जाये ।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए रणजीत सिंह राणा ने बताया कि जब 2007 में सुखपाल सिंह खेरा ने अपना नामांकन पत्र दाखिल करते हुए, अपने ब्योरे में कहा था कि उन्होंने बीए-पार्ट II (2007) किया है,जबकि 2012 में उनके द्वारा उल्लेख किया गया था कि उन्होंने स्नातक 2012 में कर चुके हैं । जबकि 2017 में अपना नामांकन पत्र दाखिल करते हुए अपने ब्योरे में उन्होंने बयान दिए हैं कि वे अभी भी अंडर ग्रेजुएट यानि कि उनकी स्नातक कि पढ़ाई जारी है। जो आत्म-विरोधाभासी, गलत बयानबाज़ी, गैर कानूनी व आमजनता और सरकार के साथ धोखाधड़ी है।
रणजीत सिंह ने बताया कि संविधान के अंतर्गत यदि ऐसा कुछ भी पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 181,420,465,468,470 और धारा 471 के तहत दंडनीय अपराध है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सुखपाल सिंह खैरा की सदस्यता धारा 139 और लोगों के प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951की धारा 140 के तहत रद्द की जाये और खैरा पर उचित कानूनी कार्यवाई की जाये ।
रणजीत सिंह ने संक्षेप में बताया कि सुखपाल सिंह खैराने पंजाब भूमि सुधार अधिनियम, 1972 के विभिन्न प्रावधानों में खामियों का इस्तेमाल किया है । जो भूमि गरीब और जरूरतमंद लोगों में बनती जानी थी उस जमीन का इस्तेमाल उन्होंने व्यक्तिगत साधनों के लिए किया । उस जमीन को सुखपाल सिंह खैरा ने एकजाली निजी संस्था को दे दी और कुछ जमीन गैर पात्रीत लोगों को बाँट कर वापिस अपने नाम करवा ली । हालांकि इस तरह की भूमि को जरूरतमंद और भूमिहीन किसानों को आबंटित किया जाना था। उन्होंने मांग की है कि उक्त 22 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत तक़रीबन 6.6 करोड़ है, की गड़बड़ी व धोखाधड़ी सुखपालसिंह खैरा द्वारा की गयी है के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाई की जाये।