चंडीगढ़
26 मार्च 2017
दिव्या आज़ाद
इनेलो के वरिष्ठ नेता एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चौधरी अभय सिंह चौटाला ने प्रदेश की भाजपा सरकार को किसान विरोधी सरकार बताते हुए सरकार की तीखी आलोचना की है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते आज सरसों उत्पादक किसानों को अपनी सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य से औसतन 400 रूपए प्र्रति क्विंटल कम में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है और केंद्र व प्रदेश की सरकारी एजेंसियां हैफेड़ व नैफड़ की ओर से आज प्रदेश की मंडिय़ों से सरसों की सरकारी खरीद न किए जाने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इनेलो नेता ने कहा कि हैफेड़ की प्रदेश में अनेक स्थानों पर सरसों की पिराई के लिए अनेक तेल मिलें हैं जिन्हें किसानों की सरसों की फसल को एमएसपी पर खरीदनी चाहिए मगर सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते सरकारी एजेंसियां सरसों की खरीद एमएसपी पर नहीं कर रही। इनेलो नेता ने कहा कि आज सरसों का एमएसपी 3700 रूपए प्रति क्विंटल है, जबकि किसानों को सरसों औसतन 3300 रूपए प्रति क्विटंल बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा सरकार से अपना वादा पूरा करने और किसानों को उनकी फसलों के लाभकारी भाव स्वामीनाथन आयोग की सिफारशों अनुसार दिए जाने की भी मांग की।
इनेलो नेता ने सरकार से सरसों की खरीद तुरंत एमएसपी पर किए जाने की मांग करते हुए कहा कि पिछले अढ़ाई सालों में किसानों को अपनी धान व बाजरे की फसल भी एमएसपी से कम रेट पर बेचने को मजबूर होना पड़ा जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ और सरकार के करीबी लोगों को करोड़ों रूपए का फायदा पहुंचाया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारशें लागू करने और किसानों को उनकी फसलों के लागत मूल्य के साथ 50 फीसदी मुनाफा देने का वादा करके भाजपा सरकार सत्ता में आई थी, लेकिन भाजपा सरकार ने किसानों को उनकी फसलों के लागत मूल्य के साथ 50 फीसदी मुनाफा देने का वादा पूरा करना तो दूर आज एमएसपी भी नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि पिछले अढ़ाई सालों में किसानों की धान व बाजरे की फसल एमएसपी से औसतन 250 रूपए से लेकर 300 रूपए कम पर बिकी और पोपलर व सफेदे के दाम भी किसानों को पूरे नहीं मिल रहे व किसानों के आलू की दुर्दशा भी सबके सामने है और आज किसान को आलू एक रूपए प्रति किलो बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है और इससे किसानों को फसल का  लागत मूल्य मिलना तो दूर फसल को मंडी तक लाने का किराया भी नहीं मिल रहा।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पिछले दो सालों में किसानों को न सिर्फ बासमती धान को औने पौने दामों में बेचनी पडी बल्कि नमी के नाम पर भी किसानों को खूब लूटा गया। इनेलो नेता ने कहा कि पिछले साल सरकार ने बाजरे की फसल खरीद के लिए न सिर्फ मात्र चार क्विंटल प्रति एकड़ की सीमा तय कर दी गई बल्कि उनसे जमीन की फरद सहित अनेक प्रकार के दस्तावेज साथ लाने की शर्त लगाकर उन्हें परेशान किया गया और उन्हें अपनी फसल औने पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। इनेलो नेता ने कहा कि आज किसानों की हालत बेहद दयनीय है और उन्हें फसलों के पूरे भाव न मिलने से वे निरंतर कर्जे के बोझ तले दबते जा रहे हैं। जिससे आए दिन किसानों के आत्महत्या करने की घटनाऐं भी निरंतर बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देश क ा पेट भरने वाला किसान पूरा दिन मेहनत करने के बाद भी आज भूखे पेट सोने को मजबूर है। उन्होंने सरकार से किसानों की हालत सुधारने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारशें लागू करने, फसलों के लाभकारी मूल्य देने और सरसों, बाजरे, धान सहित किसानों की सभी कृ षि उपजों की बिना किसी कटौती एमएसपी पर खरीद सुनिश्चित करने व किसानों की लूट बंद किए जाने की मांग की।

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