चंडीगढ़
28 नवंबर 2020
दिव्या आज़ाद
न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष विवेक हंस गरचा ने की शिकायत कहा राजस्थान शिक्षा मंत्री, राज्यपाल, बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया व कोविड एडवाइजरी कमेटी स्टूडेंट्स के भविष्य से खिलवाड़ कर रही यूनिवर्सिटीस की शिकायत देश के राष्ट्रपति माननीय श्री राम नाथ कोविंद जी को दी शिकायत में विवेक हंस गरचा ने कहा कि लॉ सेकंड ईयर स्टूडेंट्स को प्रोमोट करने की नोटिफिकेशन शिक्षा मंत्रालय व बीकानेर यूनिवर्सिटीस की ओर से सत्र समाप्त होने पर भी अभी तक जारी नहीं की गई बीकानेर यूनिवर्सिटी भारत देश के किसी बाहरी राज्य से नहीं है जो कि बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया व केंद्रीय व राज्य सरकारों के दिशा – निर्देशों की पालना किये बिना तानाशाही रवैया अपनाये हुए है जब सेकंड ईयर स्टूडेंट्स को फाइनल ईयर में प्रोमोट किया गया तो देशभर में सिर्फ राजस्थान यूनिवर्सिटीस व कॉलेजेस सेकंड ईयर के एग्जाम क्यों करवाना चाहते हैं राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर शिक्षा मंत्रालय का ध्यान नहीं है लॉ सेकंड ईयर स्टूडेंट्स को सरेआम बेवकूफ बनाने में बीकानेर यूनिवर्सिटी व राजस्थान शिक्षा मंत्रालय ने कोई कसर बाकि ना छोड़ी लॉ सेकंड ईयर स्टूडेंट्स को शिक्षा मंत्री भवर सिंह भट्टी ने प्रोमोट की घोषणा करने के बाद अभी तक नोटिफिकेशन रिलीज़ नहीं की जो कि स्टूडेंट्स से सरेआम धोखा है विवेक हंस गरचा ने कहा कि लॉ सेकंड ईयर के एग्जाम बीकानेर यूनिवर्सिटी ने फिर से लेने थे तो फाइनल ईयर में प्रोमोट करके फाइनल ईयर की रजिस्ट्रेशन फ़ीस क्यों वसूली गई ? बीकानेर यूनिवर्सिटी / बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया अगर अपने तानाशाही रवय्ये से लॉ फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को फिर से पीछे की ओर धकेल कर एग्जाम करवाना चाहती है तो देशभर के स्टूडेंट्स से फाइनल ईयर की ली गई फ़ीस ब्याज सहित वापिस करें !
प्रेजिडेंट ऑफ़ इंडिया श्री राम नाथ कोविंद जी को विवेक हंस गरचा का सवाल स्टूडेंट्स के ख़राब हो रहे साल का जिम्मेदार कौन होगा बीकानेर यूनिवर्सिटी / राजस्थान सरकार या बार कौंसिल ऑफ़ इंडिया? पिछले वर्ष का सत्र समाप्त हो चुका है नव वर्ष में यूनिवर्सिटी द्वारा फाइनल एग्जाम की बजाय पीछे की ओर स्टूडेंट्स को धकेलना ! भारत के आगामी भविष्य से खिलवाड़ से कम नहीं इसका ज़िम्मेदार कौन ?
नोट : स्टूडेंट्स के साथ धक्केशाही नहीं चलेगी ! क्योंकि सेकंड ईयर में प्रोमोट किये जाने की घोषणा के बाद से ही हज़ारों स्टूडेंट्स ने सेकंड ईयर की बुक्स को डिस्ट्रॉय करके फाइनल ईयर की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है ! फाइनल ईयर की परीक्षाओं के समय सेकंड ईयर की परीक्षा फिर से लेना स्टूडेंट्स के साथ किसी नाइंसाफी से कम ना होगा क्योंकि पूरा वर्ष बीत जाने के बावजूद स्टूडेंट्स को अभी तक ये पता लग पाना मुश्किल हो गया है कि उन्हें परीक्षा देनी कौन से ईयर की है सेकंड या फाइनल ईयर की ?और कोरोना के भड़ते आंकड़ों को देखकर ऐसा लगता है जैसे कोविड – 19 के चलते स्टूडेंट्स के साथ परीक्षा के नाम पर बीकानेर यूनिवर्सिटी मौत का तांडव करवाना चाहती हो ! जब देशभर में सभी परीक्षाओं के विधार्थियों को प्रमोट किया गया तो बीकानेर यूनिवर्सिटी को प्रोमोट करने में परेशानी क्यों ?