हैडलाइन पढ़कर आपको समझ आ ही गया होगा कि आज हम किस बारे में बात करने वाले हैं। चंडीगढ़ मीडिया में बहुत समय से यह चलन चल रहा है कि अगर आप चापलूसी करते हैं तो आपको दूसरों से ज़्यादा तव्वजों दी जाती है।

आज हम बात करेंगे आवास यानी घर पाने की। सरकार द्वारा पत्रकारों को जो घर देने की सुविधा दी गई है बहुत से पत्रकार उसके हकदार हैं। लेकिन यह सुविधा कुछ पत्रकारों द्वारा गलत इस्तेमाल भी की जाती है।

चापलूसी करके बहुत से पत्रकार घर अपने नाम सैंक्शन करवा लेते हैं और जो पत्रकार इतने समय से कोशिश कर रहे हैं या हकदार हैं वे केवल इंतेज़ार करते रह जाते हैं।

हाल ही में ऐसा एक मामला सामने भी आया था कि एक सीनियर पत्रकार द्वारा खाली किए गए घर के लिए अन्य सीनियर पत्रकार कोशिश कर रहे थे। लेकिन आखिर में घर अलॉट हुआ उनसे कम हकदार पत्रकार को। एक बड़े पत्रकार ने इसके खिलाफ कंप्लेंट तक दर्ज की लेकिन कोई ऐक्शन नहीं लिया गया।

चंडीगढ़ मीडिया में बहुत से ऐसे सीनियर व पुराने पत्रकार व कैमरामैन/फोटोग्राफर हैं जो बहुत समय से घर लेने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन आखिर में घर अलॉट होते हैं उनको जो चापलूसी करना जानते हों या सिफारिश लगवा सकते हों। सिस्टम और नियम के अनुसार कोई फैंसला नहीं लिया जाता है।

आज भी बहुत से ऐसे पत्रकार हैं जो रिटायर होने की कगार तक पहुंच चुके हैं लेकिन उनको कभी घर नहीं मिला।

यदि आप भी घर पाने की चाह रखते हैं तो चापलूसी करो आवास योजना के जरिए अप्लाई कीजिएगा आपको जल्दी ही घर अलॉट हो जाएगा आपको सालों इंतेज़ार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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