चण्डीगढ़

14 दिसंबर 2023

दिव्या आज़ाद

दुनिया भर में अपनी खूबसूरती और मोहक विन्यास के लिये मशहूर चंडीगढ़ के सुंदर कंगूरे तो सब देखते हैं, लेकिन इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले सैकड़ों पुष्पाकरों को कोई नहीं जानता, जो अपने खून-पसीने से इसके फूलों और पौधों को सींचते हैं। चारों तरफ सुंदर पौधे और मोहक फूल इन्हीं मालियों की देने हैं। इन्हीं में एक हैं शिव प्रसाद मौर्य जिनके खिलाए फूल पिछले एक दशक से पुष्पावलियों में सौ से ज्यादा इनाम जीत चुके हैं।

पिछले दिनों सेक्टर 33 में संपन्न व नगर निगम द्वारा आयोजित गुलदाउदी महोत्सव में शिवप्रसाद मौर्य के तैयार फूलों की धूम रही। विभिन्न श्रेणियों में चार प्रथम पुरस्कार समेत नौ पुरस्कार शिवप्रसाद द्वारा तैयार फूलों को मिले। गुलदाउदी शो के रिजल्ट में शिवकुमार को रिफ्लेक्सड गुलदाउदी में प्रथम, पॉम पॉम गुलदाउदी में प्रथम, बटन गुलदाउदी में प्रथम, स्पून गुलदाउदी में प्रथम तथा अन्य श्रेणी एनीमोन आदि में कुल मिलाकर नौ पुरस्कार नगर के मेयर ने प्रदान किये।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से बेहतर भविष्य की तलाश में वर्ष 1989 में चंडीगढ़ आए शिवप्रसाद फिर चंडीगढ़ के ही होकर रह गए। वे लगातार इस शहर को खूबसूरत बनाने के प्रयास में लगे रहे। शुरू में हाउसिंग बोर्ड में काम करने वाले रामावतार मौर्य ने उन्हें संबल, सहयोग व मार्गदर्शन दिया। फिर 2013 से वे लगातार सेक्टर 33 के गुलदाउदी शो व फरवरी में सेक्टर 16 के रोड गार्डन की प्रतियोगिताओं में भाग लेते रहे हैं। उन्हें मिले पुरस्कारों की गिनती तो याद नहीं, लेकिन उनकी संख्या सौ से अधिक है। वे मई से इन पौधों को तैयार करते हैं और जुलाई से गुलदाउदी की पौध तैयार करते हैं। वे कहते हैं  हम फूल के पौधों को बच्चों की तरह पालते हैं।

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