चंडीगढ़
16 जून 2017
दिव्या आज़ाद
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लोगों के लिए हजारो घोषणा की हुई है। मगर कितनी घोषणा लागू हुई इसे तो आम जनता, अधिकारी व विपक्ष के नेता भी जानते है। आए दिन सरकार की घोषणा लागू न होने के समाचार प्रकाशित व चर्चा होती रहती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 15 अगस्त 2016 को दिल्ली में देश की आजादी के 70 वे पावन अवसर पर घोषणा की थी कि स्वतंत्रता सेंनानियो व आईएनए की प्रथम पीढी के सदस्यो को भी सभी राष्ट्रीय पर्वो पर स्वतंत्रता सेनानियो की भांति आमंत्रित किया जाएगा। स्वतंत्रता सेनानी की तरह उनकी वीरांगनाओं को भी निधन के बाद राजकीय सम्मान के साथ संस्कार किया जाएगा। इस घोषणा का आज तक भी नोटिफिकेशन नही हुआ है। इस बात का खुलासा जन सुचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से खुलासा हुआ। प्रोटोकोल विभाग की शाखा ने अपने पत्र क्रमांक 49/2/2017 में लिखित सूचना जारी करते हुए बताया की सरकार की तरफ से कोई भी अधिसूचना जारी नही हुई है। जबकी हरियाणा सरकार ने अपनी नई साल की डायरी व स्वर्ण जयंति पर प्रकाशित करवाए गए दस्तावेजो पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा का उल्लेख प्रकाशित करवाया हुआ है। पिछल्ले महिने जीन्द में एक स्वतंत्रता सेनानी की विघवा व हरियाणा के एक सिनियर एचसीएस अधिकारी की माता के निधन पर राजकीय सम्मान के साथ सस्कार के लिए लडाई लडनी पडी थी। इसी तरह प्रदेश में स्वतंत्रता सेनानी की विघवा व उनके परिवारो का मुख्यमंत्री की घोषणा का लाभ नही मिल रहा। प्रदेश से 5000 से अधिक स्वतंत्रता सेंनानियो व आईएनए के सदस्यो ने देश की आजादी में भाग लिया था। मगर इन परिवारो की आज कोई सुनवाई नही हो रही। यह कहना है हरियाणा स्वतंत्रता सेंनानी एवम उतराधिकारी संध के प्रदेश महासचिव मास्टर सुरेन्द्र जागलान व सदस्य सुरेन्द्र डुडडी का। मास्टर सुरेन्द्र जागलान ने बताया की सरकार घौषणा तो कर देती है, मगर लागू नही करती। देश की आजादी के बाद अब हिन्दी अंदोलन व सत्यग्रह में भाग लेने वालो का स्वतंत्रता सेनानी का दर्जा दिया जा रही है। जो की सरासर गलत है। जब देश आजाद हो चूका फिर स्वतंत्रता सेनानी किस बात के। यह सब पोलटिकल मूम्मैन्ट था। क्या कोई खेल खत्म होने के बाद गोल्ड मैडल दिया जा सकता है। जिस खिलाड़ी ने गेम में भाग ही नही लिया हो। नेता अपने परिवारो को स्वतंत्रता सेनानी परिवारो के नाम के साथ जोडना चहाते है। स्वतंत्रता सेनानी तो वो थे जिन्होने बिना किसी लालच के देश को आजाद करवाने के लिए लड़ाई लडी थी। उन्होने मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा 15 अगस्त 2016 को दिल्ली में देश की आजादी के 70 वे पावन अवसर पर की गई घोषणा का नोटिफिकेशन जारी कर लागु करने की मांग की।