“गलतियां सुधार लीजिए”

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हवाएं कब अपना रुख बदल लें इसका अनुमान लगाना कठिन होता है लेकिन हवाओं का बदला रुख  इस बात का आभास ज़रूर करा जाता है की वर्तमान हालात कैसे बन रहे हैं और आने वाला समय कैसा होगा। जो लोग इस बात को अच्छी तरह से समझ लेते हैं और अपनी गलतियों को मान कर उन में सुधार कर लेते हैं ओर सत्य का साथ देते हैं वह खुद को ,अपने परिवार को या अपने समुदाय/दल को सुरक्षित रख पाते हैं लेकिन जो लोग बदली परिस्थितियों में अपनी गलतियों को मानने को तैयार नहीं होते, अपनी गलत बात को भी सही कहते हैं और उसको सही साबित करने के लिए गलत लोगों का साथ देते हैं वह अपना नुकसान तो करवाते ही हैं लेकिन अपने साथ साथ अन्य लोगों का भी नुकसान करवा लेते हैं, समझने के बाद भी सही को सही कहने में संकोच करते हैं ओर अपनी गलतियां सुधारने की कोशिश नही करते । सबसे अहम बात जब सवाल देश का हो, देश की जनता के हितों का हो, देश की सुरक्षा का हो तो ऐसे में कोई विकल्प शेष नहीं बचता सिवाए देश के पक्ष में खड़े होने के क्योंकि किसीका भी अस्तित्व देश से / उसके राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा नही हो सकता और जो इनका सम्मान नहीं करता तो फिर देश भी उसका मान नहीं रखता ।
                  70 साल बाद कश्मीर में महारतीय संविधान के 370 ओर 35अ अनुच्छेद को निरस्त करने पर जितनी खुशी देशवासियों में हुई ठीक इसके विपरीत इससे दुगनी मायूसी देश के उन राजनैतिक दलों/अलगाववादीयों को हुई जो वोट बटोरनें ओर कश्मीर में अराजकता फैलाने के वास्ते अपनी रोटियां सेंकने का काम कर रहे थे। अब तक भारत के अधिकतर लोगों को संविधान की इन धाराओं के प्रति जानकारी नहीं थी लेकिन वर्तमान सरकार के प्रयासों ओर भारतीय मीडिया ने देश की जनता को जागरूक करने का अद्भुत कार्य किया है जो अपने आप मे एक सराहनीय कदम है और जिसके लिए सरकार और मीडिया दोनों प्रशंसा के हकदार कहे जा सकते हैं।
            15 अगस्त, 1947 को देश को आज़ादी मिली लेकिन बावजूद कश्मीर कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग होने के भारत के अन्य राज्यों से कटा रहा । भारतीय संविधान का 35अ  अनुच्छेद था जो जम्मू और कश्मीर राजयमण्डल को “स्थायी निवासी”  परिभाषित करने तथा उन नागरिकों को विशेषाधिकार प्राप्त करने का अधिकार देता था। जिसे दिनांक 5 अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया गया है ओर जो अब  यह दर्शाता है की भारत एक राष्ट्र है ,जहां एक ही संविधान, एक ही राष्ट्र ध्वज है यानी कि भारत सही मायने में 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सम्पूर्ण रूप में साक्षत्कार नज़र आया। 15 अगस्त 2019 को भारत के सभी राज्यों में तिरंगा झंडा लहराया जो भारत देश की अखंडता व प्रभुसता का जीता जागता प्रमाण है।
           बिना किसी टिपणी के या किसी पक्षपात के यह कहा जा सकता है की परिस्थितियां कैसी भी हों लेकिन वह इस बात की देश के प्रतिनिधियों या देश की जनता को ऐसा कोई भी अधिकार नहीं देती जिसका इस्तेमाल कर के देश के एक राज्य को विशेषाधिकार देकर सम्मानित किया जाए और देश के अन्य राज्यों को वा वहाँ के रहने वाले नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित किया जाए। लेकिन जब जम्मू व कश्मीर राज्य को सभी राज्यों के मूल्यों को ताक में रख कर सरकार द्वारा 1954 में विशेषाधिकार दिए गए । 70 साल तक उस राज्य को चलाने वालों ने उसका दुर्पयोग किया, कश्मीरी हिंदुओं पर अत्याचार करके उनको कश्मीर से निकाला, भारतीय संविधान का हिस्सा होते हुए भी अपने राज्य का अलग झंडा, भारत की शरण पाएं, भारत का खाएं और गुण पाकिस्तान के गाएं, आतंकी गतिविधियों को अनदेखा करें, अलगाववाद का नारा लगाएं, सब्सिडी पे राशन पाएं ओर वहां के पुराने रहने वाले लोगों और देश के विभाजन के समय से जो लोग जम्मू कश्मीर में आके बसें उनको प्रॉपर्टी ओर वोट के अधिकार से वंचित रखें ओर हैरानी की बात यह सब सत्य जानते हुए भी, वोटों की राजनीति ने  कुछ लोगों के फायदे के लिए सारे हिदुस्तान के राज्यों में रहने वालों के अधिकारों के साथ कितना बड़ा अन्याय किया और अब जब 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर राज्य के विशेषाधिकारों को समाप्त कर के, उसे दो भागों में बांटकर ( लद्धाख ओर जम्मू कश्मीर ) केंद्रीय शासित प्रदेश घोषित किया तो कुछ विपक्षी दलों ने उसके विरुद्ध आवाज उठानी शुरू कर दी जो समझ से परे है।
            इतिहास साक्षी है की भारत पर विदेशियों ने अपनी हकूमत चलाई क्योंकि भारत के अंदर छुपे हुए गद्दारों ने विदेशियों का साथ दिया। भारत के सैनिक कमज़ोर नही हैं वीरता और देशभक्ति की अद्भुत मिसाल हैं भारतीय सैनिक लेकिन जब सैनिकों के शौर्य और उनके कार्यों में घर के लोग (भारत में रहने वाले) ही उंगलियां उठाएं, सैनिकों पर पथराव करवाने वाले लोगो का साथ दें, उनका मनोबल गिराएं तो ऐसे में सैनिकों पर क्या बीतती है इसका शब्दों में बयान करना अति असम्भव है। एक तर्फ दुश्मन पड़ोसी देश पकिस्तान
भारत को नुकसान पहुंचाना चाहता है, दूसरी ओर देश मे एक साथ एक जुट हो कर चलने  की बजाए कुछ लोग  दुश्मन देश की भाषा बोलने लगते हैं जिस से देश की एकता और अखंडता पर असर पड़ता है। देश वासियों को अब ओर भी जागरूक रहने की आवश्यकता है, वह झूठी खबरों, अफवाहों से बचकर चलें ओर आपसी ताल मेल बनाए रखें। उतेजित हो कर या किसी के उकसाने पर कोई भी हिंसा न करें और कानून का सम्मान करते हुए उसे बनाये रखने के लिए अपना सहयोग दें।
         ” गलतियां हर एक से हो जाती हैं
           गलतफहमीयां भी हो जाती  हैं
           हो गलतियों का एहसास जब
           सुधार लें अपनी गलतियां तब”।
बृज किशोर भाटिया,चंडीगढ़

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