चंण्डीगढ़
7 सितंबर 2021
दिव्या आज़ाद
आज इंटरनेशनल डे ऑफ़ क्लीन एयर फॉर ब्ल्यू स्काईज़ के अवसर पर सिटी ब्यूटीफुल चंण्डीगढ़ के सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र ट्रांसपोर्ट चौक पर भारत के साथ-साथ दुनिया के अपनी तरह के पहले स्मार्ट एयर प्यूरीफायर टाॅवर के सफल ट्रायल के बाद आज चण्डीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल व पर्यावरण एवं वन अधिकारी देबेन्द्र दलाई ने विधिवत उद्घाटन करके इसे लोकार्पित कर दिया। इसके चालू होने के बाद अब वायु प्रदूषण से बुरी तरह ग्रस्त ट्रांसपोर्ट चौक की आबो-हवा गुणवत्तायुक्त हो जाएगी। एक अनुमान के मुताबिक इस चौक पर रोजाना लगभग डेढ़ लाख वाहनों का आवागमन होता है। ट्रायल में पाया गया कि ट्रांसपोर्ट चौक और इसके आसपास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण 70 से 80 प्रतिशत तक घट गया है। चौक के आसपास का तापमान भी बाकी शहर से 10-12 डिग्री कम हो जाने का अनुमान है।इसे तैयार करने वाली कंपनी पाॅयस (Pious ) एयर प्राईवेट लिमिटेड के अधिकारियों मनोज जेना व नितिन आहलुवालिया के मुताबिक ये एयर प्योरीफायर लगभग 24 मीटर ऊंचा टाॅवरनुमा ढांचा है जो आसपास के वातावरण से 3.88 करोड़ क्यूबिक फीट हवा साफ़ कर रहा है। उनके मुताबिक ये स्मार्ट टॉवर चौक आसपास के वातावरण से प्रदूषित वायु को इनटेक करके स्वच्छ वायु बाहर वायुमंडल में छोड़ रहा है। इस पर बाकायदा डिस्प्ले भी हो रहा है कि ये स्मार्ट टाॅवर जो हवा अंदर खींच रहा है उसमें प्रदूषण की कितनी मात्रा है व जो हवा बाहर आ रही है वो कितनी शुद्ध है। इस अवसर पर नगर निगमायुक्त आनंदिता मित्रा व प्र्शन एवं नगर निगम के कई वरिष्ठ अधिकारीगण भी यहाँ मौजूद रहे। 16 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन यहां भूमि पूजन हुआ था व तत्पश्चात् बीती 12 जुलाई को पहले गुप्त नवरात्रि के दौरान विधिवत पूजन अर्चन के बाद पूरे ढांचे को खड़ा करने के कार्य का शुभारंभ किया गया। चंण्डीगढ़ के पर्यावरण एवं वन अधिकारी ने भी बीच-बीच में कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया व जानकारी लेते रहे। मनोज जेना व नितिन आहलुवालिया के मुताबिक यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है और इसमें वोकल फाॅर लोकल की अवधारणा का पालन करते हुए स्टार्ट-अप इंडिया के तहत पंजीकृत भी कराया गया है।
राजस्व भी प्राप्त हो सकता है एयर प्योरीफायर टाॅवर्स के जरिए चंडीगढ़ प्रशासन को
जेना व आहलूवालिया ने बताया कि एयर प्योरीफायर टाॅवर्स के जरिए सरकार को राजस्व भी प्राप्त हो सकता है। उन्होंने खुलासा किया कि पिछले वर्ष नवंबर में इंदौर देश का पहला स्मार्ट शहर बन गया है, जिसने सफाई और कचरा निपटान के बल पर अंतरराष्ट्रीय बाजार से कमाई शुरू कर दी है। इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी लि. ने सफाई के लिए किए विभिन्न कार्यों से कमाए गए 1.70 लाख कार्बन क्रेडिट अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचकर 50 लाख रुपये कमाए हैं। उन्होंने कार्बन क्रेडिट के बारे में जानकारी दी कि कार्बन क्रेडिट अंतर्राष्ट्रीय कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण की योजना है। कार्बन क्रेडिट सही मायने में किसी देश द्वारा किये गये कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने का प्रयास है जिसे प्रोत्साहित करने के लिए मुद्रा से जोड़ दिया गया है। कार्बन डाइआक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए क्योटो संधि में एक तरीक़ा सुझाया गया है जिसे कार्बन ट्रेडिंग कहते हैं अर्थात कार्बन ट्रेडिंग से सीधा मतलब है कार्बन डाइऑक्साइड का व्यापार।