कांटा लगा

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आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको अपने काम से ज़्यादा दूसरों के काम में दखल देने की गंदी आदत है। ये शख्स मीडिया लाइन में कई वर्षों से है। पहले इसने चैनल में काम किया, फिर अपना काम शुरू किया और उसके बाद पीआर की लाइन में आ गया।

इस शख्स को खुद कोई काम करना आता हो या नहीं पर ये दूसरों की बुराई करने और उनकी टांग खींचने में बड़ा माहिर है। इसका रोज़ का काम है हर किसी पत्रकार से दूसरे पत्रकारों और पीआर की सारी जानकारी ले लेना और फिर उसको पूरी फील्ड में फैलाना।

इसको सबसे ज़्यादा ईर्ष्या होती है उन पत्रकारों से जो किसी पीआर के साथ मिलकर कोई काम कर लें या उसकी मदद कर दें। अपनी जलन के चलते ये पीआर का काम बिगाड़ने या उनके काम में उंगली करने से भी नहीं कतराता है। असल में इस शख्स को जलन हो रही होती है कि पत्रकार ने वह काम इसको क्यों नहीं दिया। इसलिए ये दूसरों के इवेंट बीच में ही बिगाड़ने में लग जाता है।

अब आपको बताएं इसके असली रंग। जो पत्रकार इस शख्स को कोई काम दे भी दें, ये उनकी तक इज़्ज़त नहीं करता है। पैसे के लिए यह शख्स कुछ भी कर सकता है। अपनी मदद करने वालों या अपने से सीनियर लोगों को सबके सामने बेइज़्ज़त करने में यह शख्स 1 मिनट का समय लगाता है। इसको परवाह होती है तो बस क्लाइंट से ज़्यादा से ज़्यादा पैसा मिलने की। उसके बाद काम बिगड़े या संवरे इसको कोई लेना देना नहीं है। प्रोफेशनलिज्म नाम की इसमें कोई चीज़ नहीं है। सबके सामने दूसरों को उल्टा बोलना, उनकी बेइज़्ज़ती करना, उनके काम को लेकर गलत प्रकार के शब्दों से प्रहार करना इसके लिए आम सी बात है।

असल बात ये है कि इसको दूसरों के काम से ईर्ष्या होती है इसलिए ये उनके काम में दखल देकर बिगाड़ने की कोशिश करता है और यदि ये असफल रहे तो ये उनके बारे में गलत बातें फैला कर अपना बदला पूरा करता है।बचकानी हरकतें करने में ये शख्स माहिर है जबकि ये खुद को बड़ा ही संजीदा और सुलझा हुआ दिखाने की कोशिश करता है।

आप भी इस शख्स से जरूर मिले होंगे इसको हर कोई जानता है। इसकी हरकतों से भी हर कोई वाकिफ ही है।

अकसर इसकी शकल देखकर लगता है जैसे दूसरों को देखते ही इसको कांटा लगा गया हो। उसके बाद इसकी जब हरकतें शुरू होती हैं तो यह बात सिद्ध भी खुद हो ही जाती है। ज़रा संभल कर रहिएगा इससे।

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