नवरात्री में पूजा अर्चना करते है हम सभी,
मां दुर्गा की किरपा का प्रसाद पाते है तभी,
मां हम सबको सच्चे राह पर चलने की शक्ति देना,
पनप रहे भीतर हमारे, बुरे विचारों से मुक्ति देना।
जो तेरे दरबार में हाजिरी लगवाकर जाते हैं,
झोलियां मुरादों से अपनी भर के ले जाते हैं।
घर बैठ कर तुम्हें याद करने वालों की भी सुनी जाती है,
इसीलिए मां किसी एक की नहीं, जगत मां कहलाती है।
अबकी बार नवरात्रों में मां सबकी झोलियां भर देना,
गोद भरे फर्यादिओं की चाहे कंजक या लोंकड़ा देना।
बृज किशोर भाटिया, चंडीगढ़
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