हिमाचल प्रदेश
22 जनवरी 2021
दिव्या आज़ाद
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मोदी सरकार को किसान हितैषी बताते हुए चालू सत्र में मोदी सरकार द्वारा एमएसपी पर 575 लाख टन धान की खरीद होने व 82 लाख किसानों को 1.08 लाख करोड़ रुपये मिलने पर हर्ष व्यक्त किया है।
अनुराग ठाकुर ने कहा “मोदी सरकार के रूप में पहली बार कोई सरकार किसानों के सशक्तिकरण के लिए अनरवत काम कर रही है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अन्नदाता की आय दुगुनी करने,फसलों का सही मूल्य दिलाने,कृषि को तकनीकी से जोड़ने के लिए निर्णायक कदम उठा रहे हैं। मोदी सरकार ने चालू खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 1.08 लाख करोड़ रुपये के धान की खरीद की है जोकि पिछले विपणन वर्ष की इसी अवधि के 466.22 लाख टन धान की खरीद से 23.41 प्रतिशत से ज़्यादा है। इस साल 82.08 लाख किसानों को सरकारी खरीद से सीधा फायदा मिल चुका है।यह किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाता है”।
आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “मोदी सरकार नए किसान क़ानून के ज़रिए वर्षों से शोषित और प्रताड़ित सीमांत किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण व उन्हें बराबरी का हक़ दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है मगर कांग्रेस पार्टी समेत विपक्षी दल इस किसान क़ानून का अनुचित विरोध करके किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ दल राजनीति कर रहे हैं और ये लोग अपने घोषणा पत्र में कह चुके थे कि जब सत्ता में आएंगे तो यही करेंगे। क्या ये लोग नहीं चाहते कि किसानों के लिए एक देश एक बाजार हो,किसान को अच्छा पैसा मिले, उनका अच्छा व्यापार हो। क्या किसान अच्छा पैसा कमाने का हकदार नहीं है।तात्कालिक भ्रम फैलाते हुए जो यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली समाप्त हो जाएगी तो इस पर प्रधानमंत्री व कृषि मंत्री साफ़ कर चुके हैं कि एमएसपी पहले की तरह चलती रहेगी। एक भ्रांति यह भी फैलाई गई है कि कृषक यदि कृषि उत्पाद मंडियों के बाहर बेचेंगे तो मंडियां समाप्त हो जाएंगी, तो इस संबंध में यह स्पष्ट है कि मंडियां समाप्त नहीं होंगी, वहां राज्यों के अधिनियिम व उनकी व्यवस्था के तहत पूर्ववत व्यापार होता रहेगा।मोदी जी ने मंडियों के सुधार के लिए 2500 करोड़ रुपए की अलग से व्यवस्था की है। अगर मोदी जी ने व्यापारियों की तरह ही किसानों को भी उत्पाद बेचने के लिए विकल्प उपलब्ध कराया तो इसमें ग़लत क्या है। कांग्रेस जीएसटी लाना चाहती थी,नहीं ला पाई मगर उसे हम लेकर आए तो यही कांग्रेस उसका विरोध करने लगी। अब यही रवैया कांग्रेस किसान बिल को लेकर अपना रही है। कांग्रेस ने जिस बात का ज़िक्र अपने घोषणा पत्र में किया था,मोदी सरकार ने उसे लागू करने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी तब झूठ बोल रही थी या अब,उन्हें ये साफ़ करना चाहिए”।