29 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है जिससे नवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है : पं. ईश्वर चंद्र शास्त्री

0
1652
चण्डीगढ़
27 सितंबर 2019
दिव्या आज़ाद
हिंदू त्योहारों में नवरात्रि का अपना महत्व है। नवरात्रि का अर्थ है -नौ रात्रि। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। ये जानकारी देवालय पूजक परिषद, चंडीगढ़ के अध्यक्ष पं. ईश्वर चंद्र शास्त्री ने दी। शास्त्री जी, जो से. 28 स्थित प्राचीन शिव खेड़ा मंदिर के प्रधान पुजारी भी हैं, ने आगे बताया कि नवरात्र मुख्य रूप से वर्ष में दो बार आते हैं चैत्र नवरात्र और आश्विन नवरात्र। अबकी बार आश्विन नवरात्र, जिन्हें हम शारदीय नवरात्र के नाम से भी जानते हैं 29 सितंबर से प्रारंभ होंगे। आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पहला नवरात्र होता है। वैसे तो प्रतिपदा 28 सितंबर को रात्रि 11बजकर 58 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगी और 29 सितंबर को रात्रि 8 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी परंतु नवरात्र का त्यौहार व घट स्थापन सूर्योदय व्यापिनी तिथि में किया जाता है, अतः हस्त नक्षत्र युक्त प्रतिपदा 29 सितंबर को प्रथम नवरात्र होगा। अबकी बार विशेष बात यह है कि 29 सितंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है जिससे नवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है। प्रथम नवरात्र अर्थात् प्रतिपदा को जौं बीज कर कलश में गंगाजल डालकर,उसके ऊपर आम के पत्ते व नारियल रखकर कलश की स्थापना की जाती है। नौ दिनों तक लगातार अखंड ज्योत जलाने का भी प्रावधान प्रावधान है। इन दिनों में साधक को सात्विक आहार लेना चाहिए, हो सके तो नौ दिनों तक फलाहार लेकर व्रत करें एवं दुर्गा माता की आराधना करें।

LEAVE A REPLY