चण्डीगढ़

10 अक्टूबर 2023

दिव्या आज़ाद

प्रभात फेरी मण्डल, ए.जी कॉलोनी, सैक्टर 41-बी द्वारा श्री मद्भागवत कथा यज्ञ का आयोजन सैक्टर 41-बी स्थित पार्क नं. 14 में हो रहा है जिसमें कथा व्यास आचार्य श्री हरि जी महाराज ने अपनी अमृतवाणी में बताया कि जब-जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान अवतार लेकर उस संकट को दूर करते हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु ने अनेको बार पृथ्वी पर अवतार लिया है। भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से 23 अवतार अब तक पृथ्वी पर अवतरित हो चुके है जबकि 24वां अवतार कल्कि अवतार के रूप में होना बाकि है। इन 24 अवतार में से 10 अवतार विष्णु जी के मुख्य अवतार माने जाते है। यह है मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण व बुद्ध अवतार हो चुके हैं जबकि कल्कि अवतार अभी होना है।


आचार्य जी ने बताया कि धर्म ग्रंथों के अनुसार सृष्टि के आरंभ में लोक पितामह ब्रह्मा ने अनेक लोकों की रचना करने की इच्छा से घोर तपस्या की। उनके तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने तप अर्थ वाले सन नाम से युक्त होकर सनकादि ऋषि अर्थात सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम के चार मुनियों के रूप में अवतार लिया। ये चारों प्राकट्य काल से ही मोक्ष मार्ग परायण, ध्यान में तल्लीन रहने वाले, नित्यसिद्ध एवं नित्य विरक्त थे। ये भगवान विष्णु के सर्वप्रथम अवतार माने जाते हैं। वे चार  हैं, लेकिन उनके एक विचार, एक आचरण व एक साधना है तथा एक-दूसरे के साथ अपनत्व है । उन्होंने मानव जाति को शिक्षा देने के लिये बद्रिकाश्रम – हिमालय में तप किया।  इस अवसर पर भजनों द्वारा कथा का वर्णन किया कथा उपरान्त आरती कर प्रसाद वितरित  किया गया।  

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