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चण्डीगढ़
30 अगस्त 2018
दिव्या आज़ाद
जब जब पृथ्वी पर अत्याचार एवं अधर्म चरम सीमा पर चरम सीमा पर पहुंच जाता है तो धर्म की स्थापना के लिए एवं गौ रक्षा के लिए भ’गवान इस पृथ्वी पर साकार होकर प्रकट हो जाते हैं । श्री खेड़ा शिव मंदिर सेक्टर 28 डी में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आज ईश्वर चंद्र शास्त्री जी ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई। शास्त्री जी ने बताया कि भगवान गौ माता की करुण पुकार सुनकर पृथ्वी पर प्रकट हुए। कंस जैसे दुराचारी राजाओं के अत्याचार से जब पृथ्वी भयभीत होकर कांपने लगी, पाप का भार सहन करने में असमर्थ हुई तो पृथ्वी ने गाय का रूप धारण किया और देवताओं के साथ मिलकर भगवान को पुकारा। भगवान ने गौ माता की पुकार सुनी तो आकाश वाणी के माध्यम से भगवान ने अपने प्रकट होने की बात कही। यही बात रामचरितमानस में भी कहीं गई है ”विप्र धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार”गाय, ब्राह्मण, देवता और साधु- संतों के हित के लिए भगवान ने अवतार लिया।हमारे भगवान गोपाल बनकर आए। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि,रोहिणी नक्षत्र ,अर्द्धरात्रि में भगवान प्रकट हुए।इसी दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। श्रोताओं ने भाव से कथा का श्रवण किया। नंद घरां आनंद भयो जय कन्हैया लाल की और तेरे लाला की सुन के मैं आई यशोदा मैया दे दे बधाई आदि भजनों के माध्यम से बधाई गाई और नृत्य किया। लड्डू ,बर्फी ,पेड़ा ,टॉफी, बिस्कुट एवं मेवा मिष्ठान खूब लुटाया। भगवान मुख्य रूप से गौमाता की रक्षा के लिए ही इस पृथ्वी पर अवतरित हुए।
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