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चंडीगढ़
23 फरवरी 2025
दिव्या आज़ाद
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परीक्षित ने श्री शुकदेव जी से प्राणी मात्र के कल्याण के लिए प्रश्न पूछा कि जिसकी मृत्यु निकट आई हो, उसे क्या करना चाहिए, क्योंकि मनुष्य का मरण धर्म है, और प्रत्येक प्राणी को इस धरा धाम को छोड़कर जाना है। इसके उत्तर में श्री शुकदेव जी ने कहा कि प्रत्येक प्राणी को भगवान की ललित ललाम लीलाओं का श्रवण करना चाहिए।
यह प्रवचन सेक्टर 23 डी स्थित श्री महावीर मंदिर मुनि सभा (साधु आश्रम) में पूज्यपाद ब्रह्मलीन श्री सतगुरु देव श्रीश्री 108 श्री मुनि गौरवानंद गिरि जी महाराज की प्ररेणा से परम्परानुसार 56वें वार्षिक मूर्ति स्थापना समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास आचार्य श्री हरिजी महाराज ने श्रद्धालुओं की दिए।
दूसरे दिन की पावन और पुनीत श्रीमद्भागवत कथा का भक्तों ने भक्ति में लीन होकर आनंदपूर्वक श्रवण किया। इस अवसर पर कथा व्यास द्वारा भगवान के सुंदर भजन भी श्रद्धालुओं को सुनाए, जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए।
इससे पूर्व आयोजकों द्वारा व्यास पूजन विधि विधान के साथ किया गया। इस दौरान विशेष रूप से सभा के प्रधान दिलीप चंद गुप्ता, सांस्कृतिक सचिव पंडित दीप भारद्वाज, उप प्रधान ओपी पाहवा, कार्यालय सचिव नंदलाल शर्मा, महासचिव संतराम कश्यप, कोषाध्यक्ष सुरेंद्र गुप्ता तथा ऑडिटर नरेश महाजन अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
कथा व्यास आचार्य श्री हरि जी महाराज ने श्रद्धालुओं को कथा के आगे श्रवण करवाते हुए बताया कि श्री शुकदेव जी, राजा परीक्षित से कहते हैं कि राजन, जो प्राणी भगवान के सुंदर स्वरूप का ध्यान करता है और प्रभु की कथाओं का श्रवण करता है, उसके भक्ति का चित भगवान से चिपक जाता है, और फिर वह जन्म-मरण के चक्र से मुक्त होकर भगवान के परमधाम को प्राप्त करता है।
कथा के उपरांत श्रीमद्भागवत भगवान की सामुहिक रूप से आरती की गई। कथा 28 फरवरी तक आयोजित की जाएगी।
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