चंडीगढ़
7 नवंबर 2019
दिव्या आज़ाद
आर्य समाज सेक्टर 7 बी चंडीगढ़ का 61 वां वार्षिक उत्सव 13 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है। यह उत्सव 17 नवंबर तक चलेगा। उत्सव के मुख्य आकर्षण प्रतिदिन यजुर्वेदीय यज्ञ, विद्वानों द्वारा वैदिक, धार्मिक, सांस्कृतिक चारित्रिक सामाजिक व राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत एवं देश की ज्वलंत समस्याओं पर व्याख्यान होगा। कार्यक्रम के दौरान मधुर भजन प्रस्तुत किए जाएंगे और ऋषि लंगर का आयोजन भी रहेगा।
आर्य समाज के प्रधान रवींद्र तलवाड़ ने बताया कि आर्य समाज में समस्त वर्ष भर में आध्यात्मिक, सामाजिक तथा शारीरिक उन्नति से प्राप्त उपलब्धियों का प्रदर्शन ही वार्षिक उत्सव का उदेश्य होता है इसी के साथ आमंत्रित वेद मनीषियों, विद्वानों के समीप बैठकर उनके प्रवचन एवं भक्ति संगीत के माध्यम से ईश्वरीय वेद ज्ञान की अमृत वर्षा का श्रवण करने का शुभ अवसर प्राप्त होता है तथा श्रोता नई स्फूर्ति नव चेतना उत्साह नए संकल्पों से युक्त होकर जीवन में नए संचार का अनुभव करते हैं।
आर्य समाज के सचिव प्रकाश चंद्र शर्मा ने बताया कि 13 नवंबर से 18 नवंबर तक चलने वाले प्राचीन प्रातः कालीन कार्यक्रम में प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक करनाल से स्वामी संपूर्णानंद सरस्वति जी द्वारा यज्ञ ब्रह्मा संपन्न कराया जाएगा। इस मौके पर डॉ. जगदीश शास्त्री के यज्ञ सहयोगी होंगे। भजन उपदेशक आचार्य दीवान चंद्र शास्त्री मधुर भजन प्रस्तुत करेंगे। सायंकालीन कार्यक्रम के दौरान 5:15 से 6:15 तक आचार्य दिवान चंद्र शास्त्री जी के भजन होंगे जबकि से 6:15 से 7:00 बजे तक स्वामी संपूर्णानंद सरस्वती जी का वैदिक व्याख्यान होगा।
16 नवंबर और 17 नवंबर को मुख्य उत्सव होगा जिसमें विशेष तौर पर स्वामी संपूर्णानंद सरस्वती जी, फर्रुखाबाद से आचार्य चंद्रदेव, सुश्री आयुषी शास्त्री, डॉ. विक्रम विवेकी का व्याख्यान होगा जबकि आचार्य दीवान चंद्र शास्त्री, डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर 8 और केबी डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर 7 के विद्यार्थी मनमोहक भजन प्रस्तुत करेंगे।
आर्य समाज के प्रेस सचिव डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि वार्षिक उत्सव के दौरान आयोजित विशेष प्रकार के यज्ञ में इच्छुक श्रद्धालु, महानुभाव सपरिवार भाग ले सकते हैं तथा पूर्णाहुति के दिन अधिकाधिक यजमान अनेक हवन कुंडों पर यज्ञ कर सकेंगे। यजमान बनने के इच्छुक परिवार पहले से ही समाज के पुरोहित या अधिकारियों से संपर्क करके उस दिन 10 मिनट पहले पहुंचकर अपना स्थान ग्रहण करेंगे।