चण्डीगढ़
12 दिसम्बर 2022
दिव्या आज़ाद
श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, सेक्टर 20 में विश्व विश्वव्यापी शुद्ध कृष्ण भक्ति मिशन के संस्थापक श्री भक्ति सिद्धांत सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद जी की 86वीं पुण्यतिथि मनाई गई। गौड़ीय मठ मंदिर के प्रवक्ता जयप्रकाश गुप्ता ने बताया कि सुबह मंगल आरती के पश्चात संकीर्तन महायज्ञ एवं प्रवचन के कार्यक्रम में भक्तों को संबोधित करते हुए मठ मंदिर के स्वामी वामन जी महाराज जी ने कहा कि लगभग 150 वर्ष पूर्व जगन्नाथ पुरी में उनका जन्म श्री भक्ति विनोद ठाकुर जी के घर पर हुआ। वह बचपन से ही तीक्ष्ण बुद्धि एवं मेधावी छात्र थे। बाल्यकाल में उन्हें श्रीमद्भागवत गीता के पूर्ण श्लोक कंठस्थ हो गए थे। वे ज्योतिष गणना की अपने समय के महान विद्वान माने जाते थे। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद भी उन्होंने महान त्यागी वैष्णव संत गौर किशोर दास बाबाजी महाराज, जोकि पढ़े-लिखे भी नहीं थे, लेकिन उनकी आदर्श साधुता एवं भक्ति से प्रभावित होकर उनसे ही गुरु दक्षिणा प्राप्त की थी। 10 करोड़ हरि नाम का जाप करने के पश्चात उन्होंने शुद्ध कृष्ण भक्ति और भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु जी का संदेश पूरे विश्व में पहुंचाने के लिए गौड़ीय मठ की स्थापना की, जहां आज बिना किसी जात-पात धर्म का विचार किए पूरे विश्व में 5000 से भी अधिक ऐसे भक्ति केंद्रों पर भगवान कृष्ण की सेवा अर्चना प्रचार हो रहा है। उनका भक्तों को संदेश साफ था कि कलयुग में केवल हरि नाम संकीर्तन से ही भवसागर के पार उतारा जा सकता है। उन्होंने एक ऐसी बड़ी छत का निर्माण किया जिसमें बिना किसी जात धर्म का विचार किए कोई भी संसार का व्यक्ति आकर भगवान श्री कृष्ण जी की शुद्ध कृष्ण भक्ति के लिए भजन संकीर्तन कर सकता है। दोपहर को बड़ी संख्या में भक्तजनों ने उनको अपनी पुष्प पुष्पांजलि अर्पित कर अपने श्रद्धासुमन भेंट किए। दोपहर की भोग आरती के पश्चात विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जिसमें भगवान को अर्पित स्वादिष्ट प्रसाद का सैकड़ों भक्तों ने आनंद प्राप्त किया।