सोशल मीडिया किसी भी देश की कार्य प्रणाली को सुचारू ढंग से चलाने के लिए एक अहम भूमिका निभाने का कार्य करता है और जहां पत्रकारिता स्वतन्त्र है, उसके ऊपर कोइ दबाव नहीं वहां सोशल मीडिया देश चाहे तो देश के नागरिकों के समक्ष सत्य को प्रस्तुत करने में अपना उचित योगदान दे सकता है। टी.वी. चेनलों पर दिखाई गई खबरें ओर समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई खबरें जनता के ऊपर गहरा असर डालती हैं और ऐसे में टी .वी.चैनल चलाने वालों और समाचार पत्र प्रकाशित करने वालों के ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है की वो देश की जनता के सामने खबरें प्रस्तुत करते समय निष्पक्षता की ओर चलें ओर अपने निजी स्वार्थ को लेकर अपनी ज़िम्मेदारी से विमुख ना हों।
लोगों तक खबरों को पहुंचाना आजकल समाचार पत्रों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया है क्योंकि आज से कुछ वर्ष पूर्व बाज़ार में कुछ चुने गिने समाचार पत्र ही छपा करते थे जिनके ऊपर लोगों का विश्वास बना हुआ था। ठीक ऐसा ही विश्वास जनता को दूरदर्शन पर बना हुआ था और जो कार्यक्रम दूरदर्शन पर दिखाए जाते थे लोग उसी से ही संतुष्ट हो जाते थे। समय बहुत तेज़ी से बदल रहा है और पिछले थोड़े सालों में ही समाचार पत्रों में बहुत वृद्वि हो गयी है और अपने समाचार पत्र को लोगों का पसन्दीदा पत्र बनाने के लिए हर कोई एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। लोगों के दिलों में कितने साल दूरदर्शन ने ही राज किया लेकिन आज कितने ही टी. वी.चैनल खुल चुके हैं और हर कोई टी.वी. चैनल एक दूसरे चैनल से आगे निकलने की होड़ में लगा हुआ है।
सोशल मीडिया से लोगों को ढेर सारा ज्ञान प्राप्त होता है। आप घर बैठे ऐसी सभी जानकारियों से रु बरु हो सकते हैं जिनकी आपने कभी कल्पना भी ना की हो। अपने इतिहास के बारे में, खेलों के बारे में, धर्म के बारे में, देशों के बारे में, देश विदेश में हो रही रोजाना गतिविधियों में बारे में, जंगलों, पहाड़ी इलाकों, पशुपक्षियों के बारे में, समुंद्री जानवरों, यातायात के साधनों के बारे में ओर ऐसी कितनी जानकारियां हैं जो हम सोशल मीडिया के द्वारा घर बैठे बिठाए अपनी झोली में समेट लेते हैं और ऐसे लगता है की हम दुनिया का भृमण कर आए हैं।
सोशल मीडिया द्वारा हम सबका मनोरंजन भी घर बैठे बिठाये हो जाता है। कोई चैनल पिक्चर दिखाता है, कोई धार्मिक सीरियल, कोई घरेलु सीरियल, कोई फिल्मी गाने, कोई इतिहासिक घटनाएं, कोई मैच, कोई समाचार, कोई हास्य कार्यक्रम और कोई डांस गानों की प्रतियोगिता करवाता है। और मज़े की बात है की टी.वी.चैनलों के माध्यम से लोगों के लिए सुबह से लेकर रात तक तरह तरह के प्रोग्राम उपलब्ध हैं जो कीहर कोई अपनी सुविधानुसार देख सकता है। इसमें कोई भी सन्देह नहीं की सोशल मीडिया आजकल हर एक के जीवन का अभिन्न अंग बन चुका है और हर कोई इससे किसी न किसी रूप से जुड़ा हुआ है।
जब हमारे जीवन में सोशल मीडिया एक परिवार के सदस्य की जगह पा चुके है तो फिर क्या सोशल मीडिया का कर्तव्य नहीं बन जाता की टी.वी.चैनलों पर प्रसारित होने वाले हर एक प्रोग्राम या समाचार पत्रों पर प्रसारित होने वाले हर समाचार को ध्यानपूर्वक परख लें की जो प्रोग्राम, समाचार पत्रों या टी.वी. चैनलों पर प्रसारित/प्रकाशित किये जा रहे हैं इनमें कितनी सत्यता है। सोशल मीडिया पर दिखाए गए कार्यक्रमों का आम जनता के जीवन में कहीं कोई गलत असर तो नहीं पड़ेगा, कहीं अराजकता तो नहीं फैलेगी, दंगे तो नहीं होंगे क्योंकि अधिकतर लोग खबरों को पढ़कर ओर प्रोग्रामों का प्रसारण देख कर अपनी राय बना लेते हैं और फिर बगैर कुछ सोचे समझे मूर्खतापूर्ण हरकतों को अंजाम दे डालते हैं जिनसे उनका अपना नुकसान तो होता ही है लेकिन उनके कारण औरों का जीवन में भी खतरे के बादल मंडराने शुरू हो जाते हैं।
शिक्षा के प्रसारण के साथ साथ लोगों में अब यह समझ आनी शुरू हो गई है की कौन कौन सा टी.वी. चैनल किस राजनैतिक पार्टी की तरफ अपना झुकाव रखता है और समाचार प्रसारित करते समय तरह तरह के समाचारों को जनता के सामने किस ढंग से पेश करने की कोशिश कर रहा है। जनता को मूर्ख बनाना आज आसान नहीं लेकिन उन क्षेत्रों में जहां शिक्षा का आभाव है या जिन क्षेत्रों में संसाधनों की कमी है वहां की जनता कहे,सुने या देखे पर विश्वास कर लेती है और अपने लिए मुसीबतें आमंत्रित कर बैठती है। अगर प्रेस को स्वतन्त्रता मिली है तो प्रेस को चाहिए की उसका सम्मान करें, अपने कर्तव्यों को समझें, टी.आर.पी.को बढ़ाने के चक्कर में जनता को गुमराह ना करें, अपने स्वार्थ से उपर उठ कर कार्य करें ओर लोगों के सामने सत्य को उजागर करने में कोई कसर ना छोड़ें।
जनता को भी चाहिए की समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई या टी.वी. चैनलों पर दिखाई गई हर खबर को अंधाधुंध सत्य मान कर ना चलें, ना ही व्हाट्सएप या फ़ेसबुक पर बगैर पुष्टि किये किसी भी खबर को आगे फारवर्ड या शेयर करें ऐसा करने से आप अपने आपको तथा औरों की मदद कर सकेंगे। सोशल मीडिया देश की व्यवस्था को मजबूत बनाने और लोगों तक सत्य उजागर करने में एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है बस ज़रूरत है खुद समझने की ओर प्रैस की स्वतंत्रता की प्रतिष्ठा को बनाये रखने की। देश की युवा पीढ़ी को उचित मार्ग दिखाने की ज़िम्मेदारी भी सोशल मीडिया पर ही निर्भर करती है।
-बृज किशोर भाटिया,चंडीगढ़