से.- 52 (टिनशेड) के निवासियों को आवास देने का मसला पहुंचा प्रधानमंत्री के द्वार 

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चण्डीगढ़

8 जुलाई 2019

दिव्या आज़ाद

वार्ड नं 12 की पार्षद चंद्रावती शुक्ला ने से.- 52 (टिनशेड) के निवासियों को आवास देने के मसले को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। उनके मुताबिक शहर की कालोनी नंबर 5, नेहरू कालोनी, पंडित कालोनी आदि के झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत धनास में मकान आबंटित किए गए थे। उस समय जिन परिवारों के पास नियमानुसार निर्धारित दस्तावेजों में कुछ कमियां थी और वह उस समय पूरी नहीं कर पाए थ। प्रशासन ने ऐसे 1750 परिवारों को से.-52 में बने अस्थायी बने टिनशेड (एक कमरे के मकान) में शिफ्ट कर दिया था और यह आश्वासन दिया था कि जल्दी ही इन सभी परिवारों को भी मकान आबंटित किए जायेंगे। उल्लेखनीय है कि इनमें रहने वाले परिवार दैनिक मजदूर, रिक्शा चालक व घरों में झाड़ू-पोंछा, बर्तन इत्यादि करने वाली महिलाओं के हैं जो दूसरे प्रदेशों से रोजगार की तलाश में चंडीगढ़ आये हुए हैं। इनमें से अधिकतर सुबह काम पर चले जाते हैं और देर रात काम से लौटते हैं इसलिए चुनाव आयोग के कर्मचारियों अथवा बायोमेट्रिक सर्वे के लिए प्रशासन द्वारा नियुक्त अधिकारियों के आनेपर इनकी झुग्गियां ज्यादातर बंद मिलती थी । इस कारण से 1996 से 2013 के बीच इनका वोटर लिस्ट में कभी नाम लिखा गया, कभी नहीं और इनमें से कुछ का बायोमीट्रिक सर्वे भी नहीं हो सका।

अब प्रशासन इनको घर से बेघर करने की तयारी कर चुका है क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत  कालोनी नं 4 के निवासियों को मलोया में इसी जुलाई मास में मकान आबंटित किये जाने हैं तथा उनमें से जिनके पास दस्तावेज पूरे नहीं है उन्हें इन्ही टीनशेड कालोनी में लाया जाएगा और जो पहले से यहाँ रह रहे हैं उनसे जबरन खाली कराया जाएगा। प्रशासन द्वारा गरीब परिवारों के साथ धोखा किया जा रहा है ।

श्रीमती शुक्ल ने आगे लिखा है कि ये गरीब मजदूर है जिनके परिवार की मासिक आय पांच से दस हजार रुपये है। ये अपने परिवार का पालन पोषण करने और अपने बच्चो की शिक्षा के लिए यहाँ रह रहे हैं। एक ओर सरकार सब को छत देने की बात कर रही है जो कि एक सराहनीय कदम है, वहीँ चंडीगढ़ प्रशासन इनको बेघर करने पर तुला है। क्षेत्र की पार्षद ने पीएमओ से इस मामले में हस्तक्षेप कर प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत इनको आवास दिलाने की मांग की है।

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