“पहले तोलो फिर बोलो”

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1991
हंसना अच्छा होता है सेहत पाने के लिए
खुश रहने ओर खुशीयां बंटवाने के लिए
साथियों के साथ बैठ खुशी मनाने के लिए
ना हंसें खुद की गलती को छुपाने के लिए
          फैंके नां यूंही पथरों को दूसरों के घरों में
          अपने घरों को सुरक्षित तो कर लीजिए
          अगर अपने घर मे बहु बेटियां हों पलती
          किसी की बेटी की तरफ उंगली ना कीजिए
बैठे हों गर ग्रुप बनाकर दोस्तों के संग
तो शब्द बोलने से पहले तोल लीजिए
उम्र/शिक्षा से ना व्यक्ति जाना जाता है
आचरण ही उसकी पहचान करवाता है
           जहां मतभेद हों वहां बैठा न कीजिए
           नां माने कोई तो उससे किनारा कीजिये
           जहां बैठें मज़ा लेने और लड़ने के लिए
           बेहतर नां बैठें वहां, अकेले रह लीजिए
बृज किशोर भाटिया,चंडीगढ़

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