चंडीगढ़ में केंद्रीय नीति लागू होने पर करेंगे जबरदस्त रोष प्रदर्शन

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चंडीगढ़

12 मार्च 2020

दिव्या आज़ाद   

चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा केंद्र के रूल चंडीगढ़ में लागू किये जाने के फैसले का कड़ा नोटिस लेते हुए  आल कांटरैकचुअल करमचारी संघ ने आज चंडीगढ़ के प्रशासक और गृह सचिव कार्यालय में ज्ञापन पत्र देकर इसे लागू न किये जाने की गुहार लगाई है और कांटरैकचुअल व् आउटसोर्स कर्मचारियों के हितों की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने की मांग की है।संघ ने चेतावनी दी है की अगर प्रशासन चंडीगढ़ में केंद्रीय नीतियों को लागू करता है तो कर्मचारी इसके विरोध में सड़कों पर उतर कर रोष प्रदर्शन करेंगे।

बीस वर्षों से किसी केंद्रीय नीति के अभाव मे असुरक्षित महसूस कर रहे कांट्रेक्चुअल तथा आउटसोर्सिंग वर्कर्स की सुरक्षा को देखते हुए आल कांटरैकचुअल करमचारी संघ ने चंडीगढ़ में पूर्णता पंजाब रूल,सर्विस कंडीशनें एवं पालिसियां लागू करने के लिए चंडीगढ़ के प्रशासक ,सलाहकार व परसोनल सचिव से पत्र लिख कर मांग की व पंजाब सरकार ने 60 से 58 बरस की जो रिटायरमेंट आयु की है ।.यह एक अच्छा कदम है एक तो पंजाब रूल के मुताबिक कांट्रेक्चुअल कर्मचारियों को पक्की नौकरी मिलने का अवसर मिल सकता है और जो  युवा वर्ग बेरोजगार है उनहें रोजगार नए अवसर मिलेंगे ।

अशोक कुमार प्रधान , आल कांटरैकचुअल करमचारी संघ ने  बताया कि कुछेक युनियन कि सेंट्रल रूल की मांग से कई वर्षों से काम कर रहे संविदा व आउटसोरसिंग कर्मचारियों के साथ फिर से धोखा किया जा रहा है जो वर्षों से इस आस में हैं कि पंजाब की रैगुलराईजेशन पालिसी 2011 उनके लिए भी लागू हो । कयोंकि चंडीगढ प्रशासन ने केंद्र के सपरीम कोर्ट के उमा देवी के निर्देश व निर्णय का पत्र आज तक कांटरैकट इमपलाइज पर चंडीगढ़ मे लागू नहीं  किया।

बिपिन शेर सिंह ,चेअरमैन कांटरैकचुअल करमचारी संघ ने कहा कि केंद्र में कांटरैकट इमपलाइज की सुरक्षा के लिए कोई रैगुलराईजेशन पालिसी नहीं व केंद्र की जेम प्रणाली में पहले ही आउटसोर्सिंग वरकरस का शोषण हो रहा है जबकि पंजाब ने 2011 में रैगुलराईजेशन पालिसी बनाई व 2016 में कचचे कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एकट बनाया जो संशोधन के लिए विचाराधीन है।

केंद्रीय  रूल लगने से जो नुकसान हो सकते हैं, जैसे युवा वर्ग के लिए भर्ती की आयु सीमा जो पंजाब पैटर्न पर 25 से 37 वर्ष बढाई गई है फिर से 25 वर्ष हो सकती है व चंडीगढ सांसद का श्रेय विफल होगा , अनुकंपा के आधार पर 5% सेंटरल सीलींग हटाने की जो सांसद दवारा पंजाब पैटर्न  पर 100% करने की मांग जो लोकसभा में उठाई गई है खारिज हो जाएगी व जो वर्षों से युवा नौकरी का इंतजार कर रहे हैँ उनका कया होगा ,ज्यादातर कर्मचारियों के लिए पंजाब के पे स्केल सेंटर से बेहतर हैं , छठा पे कमीशन व एन पी एस कर्मचारियों के लिए पेंशन के लिए जो पंजाब ने कमेटी बनाई है उसकी रिपोर्ट भी विचाराधीन  है ,सेंटर ने गरूप डी की भरती बंद की है जबकि पंजाब 3 साल बाद करमचारी पकके कर रहा है।

कुछ लोग अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए इस मुद्दे को हवा दे रहे हैं व कर्मचारियों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं अगर 53 सालों से चंडीगढ़ ” संवैधानिक विसंगति ” के  उपयोग से पंजाब रूलों से चलाया जा रहा है पंजाब के रूलस ,सर्विस  कंडीशने व पालिसियां पूरी तरह अफसरशाही लागू कयों नहीं करती।

अगर चंडीगढ़ प्रशासन केंद्र के रूल अपनाता है तो प्रशासन अन्याय यह पूर्ण कदम उठाएगा तो आल कांटरैकचुअल करमचारी संघ इसका विरोध करेगा व कचचे कर्मचारियों के लिए अपनी सुरक्षा के लिए एक नई लड़ाई कि शुरुआत सडकों पर उतर की जाएगी ।

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