चण्डीगढ़
18 अप्रैल 2020
दिव्या आज़ाद
जानलेवा कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण कराए गए लॉकडाउन व लगाए गए कर्फ्यू के दौरान पैदा हुए अभूतपूर्व हालातों के चलते चण्डीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने बेहद ही पेशेवर रवैया अपनाते हुए मौके को संभाला व ये सभी प्रशंसा के हकदार हैं। परन्तु इस दौरान सीटीयू की बसों के जरिये शहर के विभिन्न भागों में फल-सब्जी आदि के वितरण के कार्य में बड़ी कोताही बरती जा रही जिससे कि आम जनता में बेहद रोष है। ये कहना है ऑल इंडिया राजीव मेमोरियल सोसाइटी के अध्यक्ष राज नागपाल का। उन्होंने आज यहां जारी एक ब्यान में कहा कि इन बसों के जरिये बेचे जा रहे फल व सब्जियों आदि के दाम बाजार भाव से बेहद ज्यादा हैं, बल्कि कई बार तो दुगने से भी अधिक। उन्होंने इसे प्रशासन की देखरेख में हो रही लूट या ब्लैक मार्किटिंग करार देते हुए कहा कि जो रेहड़ी वाले गलियों में फल-सब्जी आदि बेचने आतें हैं उनके भाव व सरकारी भाव में जमीन-आसमान का फर्क है। इसके अलावा रेहड़ी वाला घर के दरवाजे पर सामान बेचता है व फल-सब्जी छांटने पर भी कुछ नहीं कहता व साथ ही सामान को कैरी बैग में भी देता है। जबकि इसके मुकाबले में सरकार द्वारा भेजी गयी सीटीयू बस दूर खड़ी होती है व सरकार द्वारा नियुक्त वेंडर फल-सब्जी छांटने भी नहीं देते और ना ही उसके लिए कैरी बैग देते हैं। कुल मिला कर आमजन इस व्यवस्था से निराश व परेशान ही है। होना तो ये चाहिए था कि मौजूदा आर्थिक तंगी में सरकार सब्सिडाईज़ड दरों पर फल-सब्जी आदि मुहैया करवाकर आम जनता को राहत देती, पर यहां उलटे सरकार की निगरानी में मुनाफाखोरी हो रही है जोकि बिलकुल भी उचित नहीं है। राज नागपाल ने अधिकारियों से तत्काल इस ओर संज्ञान लेकर गंभीरतापूर्वक विचार व सुधार करने की मांग की है।