चंडीगढ़
10 फरवरी 2021
दिव्या आज़ाद
भक्ति जब प्रेम में प्रवेश करती है तो वह भाव बन जाती है। भक्ति से तन मन धन तीनों प्रभावित होते हैं, तन से मनुष्य सेवा करने लगता है, भक्ति से जब धन आता है तो मनुष्य दान करना सीख जाता है, और जब भक्ति मन में आती है तो मन को निर्मल बना देती है, जब भक्ति आत्मा से होती है तो परमात्मा से मिलन हो जाता है। यह ज्ञान भजनों के द्वारा अग्रसेन रत्न और दिव्य सम्मान से सम्मानित लोकप्रिय भजन गायक कन्हैया मित्तल ने सेक्टर 32 स्थित सनातन धर्म मंदिर में आयोजित बालाजी महाराज की भजन संध्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को दिया।
इस अवसर पर मंदिर में मोहाली के संत कबीर फाउंडेशन से पहुंचे दिव्यांग बच्चों के जीवन के लिए कन्हैया मित्तल द्वारा प्रार्थना की। यह सभी दिव्यांग संत कबीर फाउंडेशन की फाउंडर रेनू कक्कड़ की देखरेख में आए हुए थे। इस अवसर पर दिव्यांगों ने कन्हैया मित्तल को स्वयं बनाई विभिन्न कागज की आकृतियां भेंट की। जिसे प्राप्त करने के बाद कन्हैया मित्तल ने दिव्यांगों की प्रशंसा की और आकृतियों को सराहा। इस मौके पर भजन गायक कन्हैया मित्तल जो कि श्रीबालाजी संध (रजि.), चंडीगढ़ अध्यक्ष भी हैं, ने फाउंडेशन को बच्चों की भोजन व्यवस्था के लिए एक महीने का राशन दिया तथा उपस्थित श्रद्धालुओं को फाउंडेशन के दिव्यांगों की हर महीने किसी न किसी प्रकार से आर्थिक मदद करने का आग्रह किया तथा इस कार्य के लिए उनसे सीधा संपर्क साधने की बात कही। इस अवसर पर संत कबीर फाउंडेशन की फाउंडर रेनू कक्कड़ ने संध द्वारा फाउंडेशन के लिए किए गये प्रयासों की सरहाना की और दिव्यांगों की सेवा करना और दिव्यांगों के लिए दान करना महान कार्यो में से एक बताया।
श्रीबालाजी संध (रजि.), चंडीगढ़ द्वारा मंदिर में भजन संध्या का आयोजन भी किया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु भजन संध्या का हिस्सा बने। दिव्य सम्मान से तथा अग्रसेन रत्न से सम्मानित लोकप्रिय भजन गायक कन्हैया मित्तल ने एक बाद एक बालाजी महाराज के मधुर भजन गाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध व भावविभोर कर दिया। इस दौरान उन्होंने खाटूश्यामजी के भी सुंदर भजन गाए। भजन संध्या से पूर्व भगवान गणेश, माता सरस्वति तथा श्रीराम भगवान की वंदना विधि विधान के साथ की गई। तद्पश्चात श्रीहनुमान चालीसा का पाठ किया गया। भजन गायक कन्हैया मित्तल के कर्णप्रिय स्वर वाले भजनों ने श्रद्धालुओं का समां घंटो बांधे रखा। उन्होंने लहर लहर लहराय रे झंडा बजरंग बली का… व कीर्तन की है रात… जैसे कई भजनों को श्रद्धालुओं के समक्ष प्रस्तुत किया। बता दें कि कन्हैया मित्तल द्वारा गाए गये सभी भजन उन्होंने स्वयं लिखे हैं और गाये हैं। भजन संध्या का समापन भव्य आरती के साथ किया गया।