केंद्रीय हिंदी निदेशालय और साहित्य संगम ट्राइसिटी ने सावन में साहित्य बिसात‌ बिछाई

0
1972

जीरकपुर

3 अगस्त 2021

दिव्या आज़ाद

केंद्रीय हिंदी निदेशालय (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) और साहित्य संगम ट्राइसिटी जीरकपुर के संयुक्त प्रयास से साहित्य बिसात‌ बिछाई गई। राष्ट्रपति द्वारा शिक्षा क्षेत्र में सम्मानित रामदिया शास्त्री के मंत्रोच्चारण से संगोष्ठी का आगाज हुआ। मक्खन सक्सेना और प्रवीण सुधाकर की स्वर लहरियां श्रोताओं के दिलों पर छा गई। डॉ राशि चोड़ा  डॉ राजेश चोड़ा ने जीवन में रची-बसी भावनाओं को गीतों से जीवंत कर दिया। साहित्य संगम ट्राइसिटी के अध्यक्ष प्रोफेसर फूलचंद मानव ने आयोजन की अध्यक्षता की।

सुरेंद्र सिंगला, श्रीधर व शिव शंकर वर्मा ने अपने-अपने अंदाज में कविताओं, गीतों के साथ साथ रामचरितमानस की छटा भी बखेरी। राजेंद्र बंसल, सुरेंद्र पाल कपिला, श्रीमती रमलेश कपिला की जीवनसाथी व राष्ट्र प्रेम भरी कविताएं छाई रही। कृष्णा योग विदुषी, पंकज पांडे, रमन भारद्वाज ने गृहस्थ और शिष्टाचार के ताने-बाने को गीत देकर गूढ़ता से बुना। प्रेमचंद सिंगला की व्यंगात्मक शब्दावली से श्रोताओं के चेहरे की मुस्कान देखते बन रही थी ।
मंच संचालन करते हुए टेकचंद अत्री ने श्रोता व वक्ताओं की कड़ी सटीक शेयरों से जोडी रखी। प्रोफेसर योगेश्वर कौर का सावन प्रकृति चित्रण बौछारों भरा साबित हुआ। प्रोफेसर मीरा गौतम का सावन घटा सौंदर्य बोध अंतरमन पर उतरता चला गया। संपादक व प्रकाशक मुरारी लाल अरोड़ा का मैं और तू का व्यंगात्मक आकर्षण बिल्कुल नया था।


अंत में अध्यक्षीय भाषण में 11, 12 और 13 अगस्त 2021 को सिल्वर सैंड होटल में होने वाले आगामी साहित्यिक भाषा और पत्रकारिता पर अखिल भारतीय सेमिनार बारे श्रोताओं को अवगत कराया। प्रेरणा भरे संबोधन में नई उर्जा के साथ जुट जाने का मंत्र दिया। सभी साहित्य प्रेमियों का आभार प्रकट करते हुए गोष्ठी का समापन हुआ।

LEAVE A REPLY