
चंडीगढ़
दिव्या आज़ाद
सेक्टर 29 स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में आजकल श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ चल रहा है जिसमें कथा व्यास भागतव मर्मज्ञ परमपूज्य सुनील भारद्वाज (कैथल) हैं। उनके मुखारंिबद से कथा सुनने केलिए बड़़ी संख्या में भक्तजन यहां पहुंच रहे हैं। ज्ञानयज्ञ की शुरुआत कलश यात्रा के साथ हुई थी जो श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर सेक्टर 20 से आरंभ होकर बाबा बालकनाथ मंदिर में समाप्त हुई थी। कल कथा का आाखिरी दिन है जिसमें प्रात 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक कथा व्यास कथा वाचन करेंगे ततपश्तात 1 बजे आरती व भंडारा होगा।

आज सुनील भारद्वाज ने कथा वाचन करते हुए कहा कि-दुुर्लभो मानुषों देहो देहिनां क्षणभंगुर, तत्रापि दुर्लभ मन्ये वैकुण्ठप्रियदर्शनम अर्थात् प्राणियों के लिए मनुष्य देह अत्यंत दुर्लभ है, और क्षणभंगुर है इसमें भी भगवान के प्रिय भक्तों के दर्शन तो और भी दुर्लभ है क्योंकि भक्त संत महात्मा एक प्रकार से भगवान के ही रूप हैं, गोसाईंजी महाराज तो उन्हें राम से भी बढक़र बतलाती है।राम ते अधिक राम कर दासा, संतों के संग से पापों का नाश होता है और संशयों का अच्छे होकर भागवत प्राप्ति होती है। अतएवं सत्पुरुषों के संग का आश्रय अवश्य लेना चाहिए यह भागवत कहती है।
