चंडीगढ़
18 अक्टूबर 2023
दिव्या आज़ाद
मंगलवार को चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में इंडस्ट्री, वर्कशाप, औद्योगिक क्षेत्रांे को डोर टूू डोर कूड़ा एकत्र करने के शुल्क को कम करने के प्रस्ताव पर राजनैतिक पार्टियों के पार्षदों के हंगामा करने पर प्रस्ताव को स्थगित कर दिया, जो कि अनुचित था। इस प्रस्ताव के स्थगित करने से शहर के व्यापारियों में रोष की लहर दौड़ रही है।
यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में लधु भारती उद्योग, चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष अवि भसीन ने कहा कि इस प्रस्ताव के लिए नगर निगम से व्यापारियों की लंबित मांग थी जिस पर निगम द्वारा व्यापारियों को राहत देने के लिए इस प्रस्ताव को तैयार किया था लेकिन कुछ पार्षदों ने इसे पास न होने देने पर अपना रूखापन शहर के व्यापारी वर्ग को दिखाया है। जिससे साबित हो गया है कि कुछ पार्षद व्यापारियों के भले में कितना गहन सोचती है।
अवि भसीन ने कहा कि व्यापारी वर्ग शहर का अभिन्न अंग है जिसे दबाने के स्थान पर प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैसे उद्योग क्षेत्रों में गारबेज होता ही नही है। यहां पर गारबेज के नाम पर शुल्क लेना ही नही चाहिए। उन्होंने कहा कि व्यापारी तो वैसे ही निगम व प्रशासन के टैक्सों के नीचे बूरी तरह दबा हुआ है। इसके अलावा वह शहर की उन्नति में किसी भी प्रकार से पीछे नही होता। चाहे वह वैट हो या प्रोपर्टी टैक्स हो। इसके अलावा व्यापारी रोजगार में मुहैया भी करवाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा नियम होना ही नही चाहिए जिससे व्यापारियों पर बोझ बढ़े। यदि यह शहर की उन्नति के लिए अनिवार्य है तो व्यापारी होने के नाते हम यह कर सहने को भी तैयार हैं लेकिन छोटे प्लाटों पर 150 रुपये और बड़े पर 300 रूपये वाजिफ है इससे अधिक नही।
उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव को लाने के लिए मेयर व कमिश्नर को प्रस्ताव पर दोबारा पुनर्विचार करना चाहिए।