चंडीगढ़
5 जून 2021
दिव्या आज़ाद

हमारी कल की ख़बर के बाद प्रिंसिपल भूपिंदर सिंह के मामले में प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। जहां बहुत से लोग उन्हें न्याय मिलते देखना चाहते हैं वहीं आज खुलासा हुआ कि बहुत से लोग उनके एन्टी भी हैं।

आज बहुत से व्हाट्सएप ग्रुप्स में ऐसी अफवाह उड़ाकर लोगों को भ्रमित किया गया है कि प्रिंसिपल भूपिंदर कोरोना से ग्रसित हैं इसलिए उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। जबकि यह एक दम झूठ है क्योंकि हमारे पास उनकी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट मौजूद है। उन्हें 1 महीने पहले कोरोना हुआ था जिससे वे ठीक हो चुके हैं।

लोगों की जानकारी के लिए बता दे कि प्रिंसिपल भूपिंदर ने शादी नहीं की थी इसलिए उनके कोई बच्चे नहीं हैं। मिली जानकारी के मुताबिक उनका कज़न कुलदीप ही उनकी देख-रेख कर रहा था। जो उनको सेक्टर-32 में भर्ती करवाने के बाद से उनका फ़ोन व घर की चाबी लेकर फरार है।

इसके साथ ही प्रिंसिपल भूपिंदर के फेसबुक एकाउंट से भी सब कुछ डिलीट कर दिया गया है। उनके सही इलाज के लिए हॉस्पिटल वाले उनका आधार कार्ड मांग रहे हैं जो घर पर ताला होने के कारण नहीं मिल पा रहा है। पुलिस ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है जिसके कारण मदद करने वाले लोगों को और ज़्यादा मुसीबत झेलनी पड़ रही है।

साथ ही आज हिमप्रभा अख़बार से श्रीकांत आचार्य ने प्रिंसिपल भूपिंदर के बैंक के अधिकारी से मुलाकात की व उनको प्रिंसिपल भूपिंदर की हालत की जानकारी दी। बैंक के अधिकारी को आधार कार्ड न मिलने से हो रही मुसीबत से भी अवगत करवाया जिस पर उन्होंने सुझाव दिया कि हॉस्पिटल के जिम्मेवार अधिकारियों से एक रिक्वेस्ट लेटर इस बाबत बैंक मैनेजर को भिजवाया जाए। इसके बाद बैंक तय नियमों के तहत कार्यवाही करेगा।

आज प्रिंसिपल भूपिंदर को एक बार फिर होश आया था और उन्होंने एक बार फ़िर अपने घर जाने की गुजारिश की है। पुलिस की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जबकि यह चर्चा पूरे शहर में फैल चुकी है। हमारे सूत्रों से पता चला है कि उनका नॉमिनी उनका कज़न कुलदीप सिंह ही है। इसलिए प्रिंसिपल भूपिंदर की जान को ख़तरा होने की शंका भी बनी हुई है।

लोगों से अपील है कि इस अफ़वाह में न आएं की प्रिंसिपल भूपिंदर को कोरोना होने के कारण उन्हें हॉस्पिटल में दाख़िल किया गया है। जो भी एन्टी लोग ऐसी अफ़वाह फैलाकर प्रिंसिपल भूपिंदर को न्याय मिलने से रोकने में लगे हैं उन्हें सचेत किया जाता है कि हम तब तक लिखते रहेंगे जब तक सच में उन्हें न्याय मिलने के लिए कार्यवाही नहीं की जाती है।

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