बाबू जी की इज़्ज़त आजकल आसमान छू रही है। उनकी कुर्सी को तो सलाम था ही अब तो घर पर भी उनको सलाम मिलता है। चंडीगढ़ बाबूओं और नौकरशाहों का शहर है। आज तक उनको उनकी कुर्सी के कारण तो इज़्ज़त मिला करती थी, पर जैसे-जैसे गर्मी आ गई है वैसे ही उनके घर के आसपास रहने वाले भी पानी के लिए उनको सलाम ठोकते नज़र आ रहे हैं। गर्मी आने से पानी की समस्या एक बार फिर शुरू हो गई है। चंडीगढ़ शहर के कई इलाकों में अभी से आम जनता को पानी की किल्लत से गुज़रना पड़ रहा है।
इस समस्या से कुछ निजात पाने के लिए लोगों ने टैंकरों का सहारा लेना शुरू किया पर वहां भी उनकी नहीं चली। बाबूओं और नौकरशाहों का दबदबा यहां भी देखने को मिला। हालात यह हैं कि पानी के टैंकर बाबूओं के घरों में तो फ्री में पहुंच रहे हैं पर आम जनता तक नहीं। यदि कोई टैंकर आम जनता तक पहुंचता भी है तो उसे 300-500 रूपए देकर पानी लेना पड़ता है।
बाबूओं के पड़ोस में रहने वाले सोचते हैं कि एक बाल्टी पानी इनसे ही उधर ले लें!
माँ कहती है बेटा/बेटी आज तुम अच्छे से पढ़कर आईएएस या आईपीएस ही लग गए होते तो कम से कम हमें पानी तो मिलता!!!
एक बाल्टी पानी की कीमत तुम क्या जानो बाबू जी…..