चण्डीगढ़
4 मई 2020
दिव्या आज़ाद
चण्डीगढ़ में लॉकडाउन लगभग हटा लेने के नगर प्रशासन के फैसले की ऑल इंडिया राजीव मेमोरियल सोसाइटी के अध्यक्ष राज नागपाल ने कड़ा विरोध किया है। आज जारी एक ब्यान में उन्होंने कहा कि देश भर के साथ-साथ शहर में जब लॉकडाउन लगाया गया था तब यहाँ एक कोरोना पॉजिटिव था। जब लॉकडाउन का स्वयं पालन करने को चण्डीगढ़वासी तैयार नहीं हुए तो प्रशासन को कर्फ्यू लगा कर लोगों को जबरन घरों में बिठाना पड़ा व तमाम पाबंदियों से नगरवासियों को जकड़ दिया गया। लेकिन अब जबकि चण्डीगढ़ में कई गुना इस लाइलाज रोग का विस्तार हो चुका है तो प्रशासन ने कर्फ्यू भी हटा लिया व लॉकडाउन भी नाममात्र का कर दिया। उन्होंने कहा कि महज दो दिन पहले तक पार्क में घूमने वाले लोगों पर डंडे बरसाए जा रहे थे व उनके गले में -मैं समाज का दुश्मन हूँ- लिखी तख्तियां डाल कर घुमाया जा रहा था तो अब एकदम से ऐसा कौन सा अलादीन का चिराग मिल गया कि पाबंदिया लगभग हटा दी गईं।
नागपाल ने आरोप लगाया कि प्रशासन शराब लॉबी के सामने झुक गया है और ठेके खोलने के चक्कर में बाकी दुकाने भी खोलने की इजाजत देनी पड़ी। उनके मुताबिक शराब के ठेके खोल दिए गए परंतु मिठाई की दुकान बंद रखी गई। शराबी शराब पी सकता है लेकिन श्रद्धालु मंदिर-गुरुद्वारों में दर्शन नहीं कर सकता। गाड़ियों की आवाजाही पूर्ण रूप से खोल दी गई व दुकानों की समय सीमा भी बढ़ा दी गई। स्थानीय जनता तो प्रशासन के इस कदम का पुरजोर विरोध व्यक्त कर रही है, साथ ही जनता की चुनी प्रतिनिधि सांसद किरण खेर ने भी प्रशासन के इस आर्डर का कड़े शब्दों में विरोध के साथ रोष व्यक्त किया है। और तो और पहली बार किसी मुद्दे पर सांसद व विपक्ष के सुर भी मिल गए क्योंकि विरोधी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने भी इस छूट का विरोध प्रकट किया है। उन्होंने इसे तुगलकी फरमान करार देते हुए कहा कि शहर की जनता अपने ऊपर कोरोनावायरस से बचने के लिए पाबंदियां चाहती है लेकिन प्रशासन आंख-कान बंद कर हिटलरशाही के साथ शासन चला रहा है। यहां तक कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के १५ दिनों के लिए लॉक डाउन बढ़ाने के फैसले को भी अनसुना कर दिया जबकि एक तो चण्डीगढ़ सीधे सीधे गृह मंत्रालय के तहत आता है व महामारी के लिहाज से भी रेड जॉन घोषित किया जा चुका है।
राज नागपाल ने कहाकि प्रशासन के अधिकारी जनता की नब्ज भाप नहीं रहे। यदि आज सर्वे करवा लिया जाए तो चंडीगढ़ की 90% से अधिक जनता प्रशासन के विरुद्ध अपना मत व्यक्त करेंगी। प्रशासन ने बड़े जोर-शोर से पाबंदियां लगाई थी लेकिन जब कोरोनावायरस ठीक बुलंदियों पर पहुंच गया इस समय प्रशासन सेफ लैंडिंग करने में पूरी तरह से फेल हो गया है। आने वाले वक्त में इसका खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ेगा और उसकी सारी जिम्मेवारी अधिकारियों की होगी।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को चण्डीगढ़ का बॉर्डर सील कर देना चाहिए और दुकानों को खोलने का समय कम कर देना चाहिए।