चंडीगढ़

22 फरवरी 2019

दिव्या आज़ाद

चंडीगढ़ की आवाज पार्टी लोकसभा उम्मीदवार अविनाश सिंह शर्मा एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा के ने एक मांग पत्र श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री भारत को भेजकर मांग की है कि देश के अंदर पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों के साथ हो रहे भेदभाव को बंद किया जाए । 2004 की नई पेंशन स्कीम  देकर जो भेदभाव किया जा रहा है। उससे जवानों एवं उनके परिवारों का मनोबल टुट रहा है। 20 – 25 सालों तक नौकरी करने के बाद मुशकिल से ₹4000 पेंशन मिलती है जो कि गुजर-बसर के लिए बहुत ही कम है आतंकवादियोंनक्सलवादियोंमाओवादियों से लोहा लेते हुए अगर कोई पैरामिलिट्री फोर्स का जवान घायल हो जाता है तो उसके इलाज के लिए भी कोई बढ़िया हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम नहीं है। ना ही उन्हें कोई मेडिकल बेनिफिट मिलता है। पैरामिलिट्री फोर्स का जवान आतंकवादीनक्सलवादीमाओवादी हमले में शहीद हो जाता है। तो केंद्र सरकार की तरफ से उसे शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जाता है। कोई भी धनराशि शहीद परिवार वालों को नहीं दी जाती है। अभी जो पुलवामा आतंकवादी हमले में मृतक 40 जवानों में से करीब 20 जवान 2004 के पेंशन स्कीम में आते हैं। उन पीड़ित परिवारों का जीवन यापन कितना मुश्किल होगा। इनको देखकर नए युवाओं में भी पैरामिलिट्री फोर्स में भर्ती से दूरी बनेगी। हमें अपने जवानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए पेंशन सुविधा में कोई कटौती नहीं करनी चाहिए।

जनसेवा के नाम पर आए विधायकसांसदों को ऊंची सैलरी और सांसद विधायक नहीं रहने पर लाखों रुपया का पेंशन दिया जाता है। देश के अंदर नक्सली ,माओवादीआतंकवादियों से लोहा लेने वाले पैरामिलिट्री फोर्स को 2004 नई पेंशन स्कीम के तहत तोड़ा जा रहा है । हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि देश को मजबूत करने के लिए शहीद जवानों को शहीद का दर्जा एवं पैरामिलिट्री फोर्स को 2004 से पहले का पेंशन स्कीम लागू किया जाए। जिससे  कल किसी तरह की घटना घट जाने पर शहीद हुए जवानों के परिवार मां ,बाप,  बच्चों को रोटी के लिए दर दर  भटकना नहीं पड़े । अगर आप मेरे सुझावों को मानते हुए। देश हित में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करते हैं। तो सभी पैरामिलिट्री फोर्स के जवान एवं उनके परिवार वाले और देश वासी सदा आपका आभारी रहेगा।

LEAVE A REPLY

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.