चंडीगढ़
3 जनवरी 2022
दिव्या आज़ाद
चंडीगढ़ पुलिस का नारा है ‘वी केअर फ़ॉर यू’ लेकिन ज़मीनी स्तर पर यह कितना सच है वह केवल शहर के नागरिक ही जानते हैं। एक प्रख्यात कॉलेज में कार्यरत प्रतिभाशाली महिला शिक्षक डॉ रेणु बाला ने घरेलू हिंसा होने पर चंडीगढ़ पुलिस को मदद के लिए बुलाया लेकिन उनके साथ कुछ उल्टा ही हुआ। मदद के लिए बुलाई पुलिस ने दहेज व घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करने के बजाए डॉ रेणु को ही मारना-पीटना, घसीटना शुरू कर दिया। सोमवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता करके डॉ रेणु बाला ने अपने साथ हुई प्रताड़ना की कहानी सुनाई। इस मौके पर वॉइस फॉर वुमेन की प्रधान रूबी गुप्ता, नेशनल ह्यूमन राइट्स चंडीगढ़ के वरिष्ठ सदस्य आर. के. शर्मा, पब्लिक व्यू एंड मीडिया रिसर्च के संस्थापक व समाजसेवी राजीव जिंदल व डॉ मधु शर्मा, प्रेजिडेंट चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट कॉउन्सिल ऑफ़ पीसीसीटीयू, डॉ नीला पवार सेक्रेटरी, सिनेटर्स पंजाब यूनिवर्सिटी डॉ शमिंदर सिंह व डॉ जगदीश मेहता भी डॉ रेणु बाला का समर्थन करने के लिए मौजूद रहे।
मामला है 14 मार्च 2021 का जब विचोलन के जरिए अपने ससुराल वालों के बुलाने पर वे अपनी माँ के साथ वैवाहिक झगड़े को सुलझाने और अपना सामान लेने पहुंची थीं। डॉ रेणु बाला ने बताया कि उनकी माँ को उनकी सास सुनील कुमारी, ससुर सुनील कुमार व ननंद अंजलि ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था। जैसे ही सबने मिलकर डॉ रेणु पर भी हालमा किया तो इस पर डॉ रेणु बाला ने अपनी जान बचाने के लिए पुलिस को फ़ोन करके बुला लिया व 181 हेल्पलाइन पर भी कॉल करके बुलाया। कुछ समय तो पूरे परिवार की अलग-अलग करके काउंसलिंग की गई लेकिन कुछ घंटों बाद पुलिस ने 181 हेल्पलाइन से पहुंचे अफसर को वापस जाने के लिए कह दिया। हेल्पलाइन वालों के जाने के बाद, अचानक उनके पति अमनदीप व ससुराल वालों ने उन्हें बेरहमी से मारना व घसीटना शुरू कर दिया। पुलिस कर्मी यह सब देखते रहे व अपनी उनको रोकने की अपनी ज़िम्मेदारी निभाने की बजाए पुलिस कर्मियों ने भी उनको बेरहमी से मारना-पीटना व घसीटना शुरू कर दिया। अब ऐसा क्यों हुआ उसका कारण है डॉ रेणु बाला के ससुर। दरअसल उनके ससुर सुनील कुमार खुद पुलिस में एएसआई हैं जो वर्तमान में सेक्टर-22 थाने में कार्यरत हैं।
आगे उन्होंने बताया कि डॉ रेणु के शिकायत वापस लेने से मना करने के बाद सभी पुलिस वालों ने मिलकर डॉ रेणु को मारना शुरू कर दिया। उस दिन शाम होने पर डॉ रेणु के भाई को उनके ससुर ने डॉ रेणु के कजिन के जरिए फ़ोन करके बुलाया था। भाई ने उनके पति, ससुराल वालों व पुलिस द्वारा की गई मारपीट की वीडियो और फोटोज क्लिक करनी शुरू की तो पुलिस ने उन्हें घर के बाहर निकाल दिया। इसके बाद उनके भाई ने दुबारा 100 नंबर पर कॉल करके पुलिस को बुलाया कि मेरी बहन के साथ उसके ससुराल वाले पुलिस के साथ मिलकर मारपीट कर रहे हैं तो पुलिस ने उल्टा उनके ही भाई को उठाकर पुलिस स्टेशन में बंद कर दिया।
डॉ रेणु ने जानकारी दी कि रात को करीब 10 बजे के आस-पास डॉ रेणु को पुरूष व महिला पुलिस कर्मियों द्वारा मिलकर ज़बरदस्ती खींचकर पुलिस वैन में फेंका गया जिस दौरान उनके कपड़े तक फट गए। इसके बाद वैन में उनकी दायीं आंख पर मुक्के मारे गए जिससे उनकी आंख ख़राब हो गई जिसका अब तक पीजीआई में ट्रीटमेंट चल रहा है। डॉ रेणु बाला के साथ पुलिस द्वारा अमानवीय व्यवहार किया गया। रात के 10:30 बजे के करीब डॉ रेणु बाला को इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस स्टेशन ले जाया गया जहां उन्हें फिर से मारा पीटा गया। जब डॉ रेणु बाला ने कहा कि उनका मेडिकल करवाया जाए तो उनके ससुर सुनील कुमार व पुलिस कर्मियों ने उन्हें धमकी दी कि हम तुम्हें झूठे केस में फंसा देंगे। रात को 1 से 1:30 बजे के करीब उनको मनीमाजरा हॉस्पिटल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने साफ बोला कि उन्हें सेक्टर-32 के सरकारी हॉस्पिटल ले जाना चाहिए। उसके बाद भी पुलिस उन्हें 32 हॉस्पिटल नहीं ले गई। अगले दिन 15 मार्च को डॉ रेणु बाला पर झूठा केस बनाकर उन्हें जज के सामने पेश किया गया।
डॉ रेणु बाला ने बताया कि उन्हें जज के सामने बिना चप्पल के ही ले गए और उनकी हालत व चोटें देखकर हुए जज समझ गए कि उन्होंने कुछ नहीं किया बल्कि उनके साथ मारपीट हुई है। जज ने पुलिस को कस्टडी में हुई मारपीट के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मी पर कार्यवाही करने का आदेश दिया व डॉ रेणु का मेडिकल करवाने को भी कहा तब भी पुलिस वाले उन्हें अपनी मर्ज़ी से मनीमाजरा हॉस्पिटल ही ले गए।
इस आदेश को 9 महीने से ज़्यादा हो गए हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। डॉ रेणु बाला डीजीपी चंडीगढ़, एसएसपी चंडीगढ़, गवर्नर, होम सेक्रेटरी, नेशनल वुमेन कमिशन, नेशनल ह्यूमन राइट्स व पीएमओ सभी जगह अपनी शिकायत दे चुकी हैं। इसके साथ ही एडिशनल सॉलिसिटर ऑफ इंडिया सत्य पल जैन एवं टीचर्स यूनियन भी अपनी रिप्रजेंटेशन दे चुके हैं। सभी द्वारा पुलिस को कार्यवाही के आदेश दिए गए लेकिन अब तक पुलिस ने कुछ नहीं किया। न ही डॉ रेणु बाला के पति व ससुराल वालों पर कोई कार्यवाही हुई न ही उनकी हालत के लिए ज़िम्मेदार पुलिस कर्मियों पर।
डॉ रेणु के पति अमनदीप ने उन पर इल्ज़ाम लगाया कि डॉ रेणु की वजह से उसकी नौकरी चली गई जबकि वह एक प्राइवेट नौकरी करता था जहां से उसे अन्य कारणों के कारण निकाला गया था।
आखिर में डॉ रेणु बाला हाई कोर्ट पहुंची और हाई कोर्ट ने डीजीपी से 3 हफ्ते के अंदर याचिका पर कार्यवाही करने के लिए कहा था। हाई कोर्ट के इस आदेश को भी 14 दिन गुज़र चुके हैं लेकिन डीजीपी द्वारा भी कुछ भी संतोषजनक नहीं किया गया है। पुलिस विभाग उनके ससुर ऐएसआई सुनील कुमार को बचाने के लिए केस में कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।
डॉ रेणु की मांग है कि उनकी आईओ सुंदरी को बदला जाए क्योंकि सुंदरी के खिलाफ डॉ रेणु 9 महीने से शिकायत दे रही हैं और उनको ही डॉ रेणु का केस मार्क कर दिया जाता है। डॉ रेणु ने इसके साथ ही मांग की है कि उनको उठाकर घसीटने वाले कांस्टेबल शिव कुमार को तुरंत बर्खास्त भी किया जाए और ज़िम्मेदार सभी महिला व पुरूष पुलिस वालों जिनमें उस समय इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस थाने के एसएचओ हरमिंदर सिंह, एसआई सुंदरी, कांस्टेबल प्रगति, कांस्टेबल कविता, कांस्टेबल सचिन, ऐएसआई करण व अन्य के खिलाफ कार्यवाही हो। इसके साथ ही डॉ रेणु ने कहा है कि उन्हें अपने ससुराल वालों व पुलिस से जान का खतरा भी है। वे चाहती हैं कि उनके केस में निष्पक्ष जांच करके उन्हें न्याय मिले व उनके पति अमनदीप, ससुर ऐएसआई सुनील कुमार, सास सुनील कुमारी व ननंद अंजलि के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो। डॉ रेणु ने कहा है कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है व मैं चाहती हूं कि मेरे केस की न्यायिक जांच करवाई जाए।