उन्होंने बताया कि उनके परिवार के दो अन्य सदस्य, जिनमें उनकी बहन व भाई शामिल हैं, भी आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र से ही जुड़े हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि रैपिड रेस्पॉन्स टीम ( आरआरटी ) को से.16 स्थित जीएमएसएच, से. 22 व मनीमाजरा स्थित सिविल हॉस्पिटल्स एवं से. 45 के अर्बन कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में दिन-रात तीन शिफ्टों (प्रात: 8 से दोपहर 2 बजे, दोपहर 2 से रात 8 बजे एवं रात 8 से प्रात: 8 बजे तक) में तैनात किया गया है।
कोरोना के लिए विशेष तौर पर हेल्पलाइन नं. 112 शुरू किया गया है जिसपर कॉल आने पर ये टीम तुरत-फुरत संभावित रोगी के पास पहुँचती है। इस टीम में तय डॉक्टर्स को रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी करनी होती है। इन डॉक्टर्स में अधिकतर आयुष चिकित्सक शामिल है। इससे आयुष चिकित्सक बेहद उत्साहित हैं व वे स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ के साथ कंधे से कंधा मिला कर अपनी ड्यूटी जोशोखरोश से निभा रहें हैं। हालांकि आयुष चिकित्सकों की अपने-अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता तो होती है परन्तु एलोपैथिक ना होने के कारण विपरीत स्थितियों में भी ये चिकित्सक जान की परवाह किए बगैर मैदान में डटे हुए हैं।
गौरतलब है कि आयुष मिशन में आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियां शामिल हैं। इनके अलावा योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्ध व सोवा रिग्पा को भी इसके अंतर्गत लिया गया है।