पंचकूला
8 मई 2022
दिव्या आज़ाद
हरियाणा योग सभा के बैनर तले स्वामी लाल जी महाराज योग दिव्य मंदिर, सेक्टर 12, पंचकूला स्थित सभा के मुख्यालय में 8 से 15 मई तक आठ दिवसीय निःशुल्क योग एवं चिकित्सा शिविर का आयोजन कर रहे हैं जहां वे व्यक्तिगत रूप से अपने सान्निध्य में सहभागियों को योग की शिक्षा देंगे और योगाभ्यास करायेंगे। इसके अलावा असाध्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों की बीमारियों का इलाज करेंगे व मार्गदर्शन देंगे।
हरियाणा योग सभा के महासचिव संजीव कोछड़ ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि स्वामी लाल जी महाराज हरियाणा योग सभा, चंड़ीगढ़ योग सभा और श्री राम मुलख दरबार (हरिद्वार) के प्रधान योगाचार्य (मुख्य धर्म गुरु) हैं। उनके पहले उनके पिता और विख्यात योगाचार्य स्वामी देवी दयाल जी महाराज ने इन तीनों धार्मिक संस्थाओं की स्थापना की थी। वह ही इन तीनों संस्थाओं के प्रथम प्रधान योगाचार्य थे।
स्वामी लाल जी महाराज अपने परिवार में चौथी पीढ़ी के योग गुरु हैं। महाप्रभु रामलाल जी महाराज ने लगभग 135 वर्ष पूर्व लोगों को योग की शिक्षा देनी शुरू की थी। स्वामी लाल जी महाराज देश के राष्ट्रीय टेलीविजन और अन्य टीवी चैनलों के माध्यम से योग कार्यशालाओं/सेमीनार में लाखों लोगों को योग की शिक्षा दे रहे हैं। वह बीते 50 वर्षों में 22 देशों में अपने कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके हैं। उनके कार्यों को कई अंतर्राष्ट्रीय डॉक्टरों और अन्य अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों का समर्थन और सहयोग प्राप्त है।
आज उन्होंने यहाँ एक पत्रकार वार्ता को भी सम्बोधित करते हुए बताया कि उनकी संस्था कि और से निष्काम भावना से योग एवं चिकित्सा शिविर आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि योग के जरिए व संयमित जीवन शैली अपना कर कैंसर जैसी असाध्य बीमारियों का भी इलाज़ संभव है।
स्वामी लाल जी महाराज की दिव्य योग शक्ति से हुए चमत्कार
2 वर्ष पूर्व बीमारियों से परेशान एक पीर मुछल्ला की रहने वाली 10 साल की बच्ची आरती विश्व प्रसिद्ध योग गुरु स्वामी लाल जी महाराज के सान्निध्य में आई। उस समय बच्ची का वजन मात्र 8 किलोग्राम था। उसके हाथ और पैर दोनों मुड़े हुए थे। हालत यह थी कि वह ठीक से बिस्तर पर लेट भी नहीं पाती थी। 2 वर्षों में स्वामी जी के मार्गदर्शन में अब वह बच्ची न सिर्फ चमत्कारिक रूप से ठीक हो चुकी है बल्कि समान्य रूप से जीवनयापन कर रही है। उसके जीवन में इस चमत्कार का श्रेय स्वामी के आशीर्वाद और योग थैरेपी से किये गये इलाज उपयों को जाता है। उसने स्वामी जी के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपने जीवन में कठिनाइयों से जीत हासिल की।
एक और लड़की दीपाली शर्मा, 28 वह मनीमाजरा की रहने वाली थी, वर्ष 2006 में सोते समय अचानक ही बहुत बीमार हो गई। उसे जीएमसीएच, सेक्टर 32 के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। उसके पिता जगमोहन को डॉक्टरों की बात पर भरोसा नहीं हुआ। उन्होंने अपनी जेब से स्वामी जी की फोटो निकाली अपनी बेची के माथे पर स्पर्श कराया। उसके बाद फोटो को उसके कपड़ों में रख दिया। दीपाली जिसको लेकर डॉक्टरों ने डॉक्टरों ने कोई आशा छोड़ दी थी, उसमें प्राण लौटने लगे और कुछ मिनटों के भीतर वह अपने स्ट्रेचर पर बैठ गई। कई प्रकार के टेस्ट और सीटी स्कैन डॉक्टरों को इस बात की जानकारी नहीं दे सके कि उसमें प्राण कैसे लौट आए।
सैकड़ों चमत्कारों में ये कुछ मामले हमने आपके सामने रखे हैं। स्वामी के यौगिक दिशानिर्देशों और उनकी योग शक्तियों के प्रभाव से सैकड़ों लोग असाध्य बीमारियों से मुक्त हुए हैं। इनमें से कई बीमारियां तो ऐसी थीं कि मेडिकल साइंस के पास इनका कोई उपचार नहीं था।