चंडीगढ़

7 नवंबर 2022

दिव्या आज़ाद

देश की सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ. सुमिता मिश्रा की पाँचवी पुस्तक ‘लम्हों की शबनम’ बनी अमेजन बेस्टसेलर ‘लम्हों की शबनम’ भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी और वर्तमान में हरियाणा सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव सचिव सुमिता मिश्रा की कविताओं का संग्रह है।


ऑनलाइन बिक्री के लिए उपलब्ध होने के महज़ कुछ घंटों के भीतर ही ‘लम्हों की शबनम’ पुस्तक बेस्टसेलर रैंकिंग में आ गयी है। इस तरह का प्यार बहुत कम पुस्तकों को नसीब होता है। पुस्तक ‘लम्हों की शबनम’ डॉ. मिश्रा की व्यक्तिगत संवेदनाओं का दस्तावेज है। काम के दौरान लगातार व्यस्तताओं के बीच के अनुभवों को शब्दों में बांधने का काम कवयित्री मिश्रा ने किया है।


‘लम्हों की शबनम’, इस कविता संग्रह का प्रकाशन बेहतरीन प्रकाशन हाउस रिवर्स प्रेस ने किया है। रिवर्स प्रेस के निदेशक अफ्फान येसवी ने डॉ. मिश्रा को बधाई देते हुए कहा, “पुस्तक विश्व स्तर पर पाठकों के बीच रिलीज होने के साथ ही बड़ी सफलता का आनंद ले रही है। हमने इस पुस्तक पर कई महीनों तक काम किया है। इसे बेस्टसेलर के रूप में सूचीबद्ध देखकर हम बेहद खुश हैं। हमने देखा है कि पुस्तक की बिक्री में तेजी से वृद्धि हुई है। यह देखकर हमें प्रसन्नता हो रही है कि इतने कम समय में ‘लम्हों की शबनम’, इस किताब ने पाठकों का इतना प्रेम बटोरा है।”


डॉ. मिश्रा की अब तक पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रखर प्रशासनिक अधिकारी के अलावा साहित्य जगत में अपनी अद्वितीय पहचान बनाने वाली डॉ. सुमिता मिश्रा की पढ़ाई अर्थशास्त्र को लेकर हुई है। यह आश्चर्य की बात है कि एक अर्थशास्त्री मन कवि हृदय में परिवर्तित हो गया।


सेवा और साहित्य का यही संगम डॉ. सुमिता को विशिष्ट बनाती है। बड़ी सहजता से वे इस संग्रह को अपने रचनात्मक उद्वेलन का प्रतिफल कहती हैं। निश्चय ही स संग्रह की कविताओं में उनके कार्यक्षेत्र का समय, समाज और उसकी विद्रुपताओं का भावनात्मक संयोजन होगा। एक सजग कवयित्री की दृष्टि, सरल भाषा में देखी और पढ़ी जा सकती है। ‘लम्हों की शबनम’ इसलिए पढ़ा जाना चाहिए कि देश सेवा में तल्लीन अधिकारी के क्षणिक अवकाश में उपजी भावनाओं को समझा और जाना जाए, उनकी मानसिक उठापटक को समझा जाए, उनकी व्यस्तताओं के बीच उठे सवालों से रूबरू हुआ जाए।

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