चंडीगढ़
4 मार्च 2018
दिव्या आज़ाद
प्राचीन कला केन्द्र द्वारा आयोजित एक विशेष नृत्य संध्या का अयोजन आज यहां डाॅ.एम.एस.रंधावा सभागार पंजाब कला भवन में किया गया जिसके अन्तर्गत अमेरिका से आई कत्थक नृत्यांगना प्राची दीक्षित ने सुंदर प्रस्तुति पेश करके दर्शकों का मनोरंजन किया।
प्राची दीक्षित अमेरिका में नुपूर अकादमी की निर्देशिका है जो कि भारतीय नृत्य एवं संगीत की कला को अमेरिका में प्रचारित एवं प्रसारित करती है। इन्होंने अल्पायु से ही नृत्य की शिक्षा लेनी आरंभ की। इन्होंने गुरू कन्हैया लाल जी से कत्थक नृत्य सीखा और आजकल ये गुरू शोभा कौसर से जयपुर घराने के कत्थक की बारीकियां सीख रही है। इन्होंने संगीत में स्नातक के साथ-साथ अंग्रेजी में भी स्नातक तक शिक्षित हैं। इन्होंने बहुत से कार्यक्रमों में अपनी कला एवं प्रतिभा का प्रदर्शन किया है।
प्राची दीक्षित ने कार्यक्रम का आरंभ गणेश वंदना से किया। प्रथम ‘‘सुमिरन श्री गणेश’’ प्रस्तुत करके इन्होंने कार्यक्रम की भक्तिमयी शुरूआत की। उपरांत शुद्ध कत्थक नृत्य पेश किया। जिसमें तोड़े, टुकड़े, आमद, परन, चक्रदार परन, लड़ी इत्यादि का सुंदर प्रदर्शन किया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्राची ने कजरी प्रस्तुत की। ‘‘बिजुरी चमके बरसे मेघा’’ प्रस्तुत करके प्राची ने खूब तालियां बटोरी।
कार्यक्रम का समापन प्राची ने तराना से किया। प्राची ने अद्भुत भाव,नृत्य प्रतिभा एवं पैरों की चालों का सुंदर प्रदर्शन किया।
डाॅ.शोभा कौसर ने कलाकार को पुष्प देकर सम्मानित किया।

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