ठैकेदार ने लगाए सेंटिंग के आरोपी,हाईकोर्ट का खटखटाएंगें दरवाजा

चंडीगढ़

13 अक्टूबर 2017

दिव्या आज़ाद 

सिटी ब्यूटिफूल में मध्यमार्ग समेत एमसी लिमिट में आने वाले होटलों, क्लबों, रेस्तरां, डिस्को व बार मालिकों को एक बार फिर तगड़ा झटका लग सकता है। दरासल अबकारी एवं कराधान विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद एमसी लिमिट में आने वाले हाइवें किनारे मौजूद रेस्टोरेंट ,बार और डिस्कोथै को शराब परोसने के लाइसेंस एक्साइट एक्ट में बिना संशेधन किए ही दे दिए। मामलें का खुलास शुक्रवार को तब हुए जब लाइसेंस रिन्यू किए जाने को अधार बनाते हुए  लिक्वर वर्ल्ड वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक कमलजीत सिंह बजाज ने विभाग को पत्र लिखकर उनके सेक्टर-7 स्थित इनर मार्केट में मौजूद ठैके को शिफ्ट करने के लिए कहा। जिस पर पहले तो सबंधित अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन ठैकेदार द्वारा कोर्ट जाने के बाद अदालत ने सात दिन में फैसला लेने के लिए कहा।  आबकारी कलेक्टर राकेश कुमार पोपली के समक्ष 11 अक्टूबर को पेश हुए और अपनी बात को रखा। इस पर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आबकारी पॉलिसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब पॉलिसी में कोई संशोधन ही नहीं हुआ तो अबकारी विभाग के अधिकारियों ने किस अधार पर सैकड़ों लोगों के लाइसेंस रिन्यू कर दिए। जो नियमों के खिलाफ है। इस बात पर मोहर स्वयं विभाग के अधिकारियों ने अपने उत्तर में दे दिया है। क्योंंकि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बिना एक्ट में संशोधन किये लाइसेंस को रिन्यू एवं रिलोकेट नहीं किया जा सकता है।

शहर में जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नेश्नल एव स्टेट हाइवे पर होटल रेस्तरां वा बार के साथ डिस्को थैक तक में शराब परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रशासन ने शराब के ठैको को इन मार्गो पर न खोलने का आदेश जारी किया था। ऐसे में शराब के ठेको को शहर की इनर मार्केट में खोला गया था। शहर की आबकारी एवं कराधान पॉलिसी 2017-18 में शहर के 100 ठैकों में से 77 ठेकों की नीलामी की गई थी। इस दौरान लिक्वर वर्ल्ड वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक कमलजीत सिंह बजाज ने अधिकारियों के कहने पर अन्य ठेकों के साथ सेक्टर-7 वा 35  में ठेके लिए थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एमसी की सीमा में ठेके खोलने के आदेश जारी कर दिये। जिसके बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने आबकारी एक्ट में बिना किसी संशोधन के शहर में सैकड़ों की संख्या में मौजूद डिस्को,रेस्टोरेंट,बार वा पब के लाइसेंस रिन्यू कर दिया। लेकिन विभाग के अधिकारियों की यह लपरवाही उनके लिए तब गलें की फांस बन गई। जब कमलजीत सिंह बजाज ने बिना एक्ट संशोधन के मध्य मार्ग समेत अन्य हाईवे किनारे रेस्टोरेंट,पब-बार वा डिस्को थैक में परोसी जा रही शराब का हवाला देते हुए उन्हें अलॉट हुए सेक्टर-7 वा 35 के ठेके को इनर मार्केट से शिफ्ट करने के लिए पत्र भेजा गया। उन्होंने अधिकारियों को भेजे पत्र में उनके सेक्टर-7 के ठैके  को इनर मार्केट से मध्य मार्ग पर शिफ्ट करने के लिए लिखा। क्योंकि उक्त स्थलों में कोई ठेका नहीं है। पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के चलते हाईवे किनारे खोले गए ठेकों को इनर मार्केट खोलना पड़ा। ऐसे में जब प्रशासन मध्य मार्ग पर स्थित रेस्टोरेंट,पब-बार वा डिस्कोथैक के लाइसेंस रिन्यू कर शराब परोसने की इजाजत दे रहा तो उन्हें भी अपना ठेका शिफ्ट करने की इजाजत दी जाए। लेकिन उन्हें आज तक परमिशन नहीं दी गई। यह जानकारी प्रेसवर्ता के दौराल कंपनी के मालिक कमलजीत सिंह बजाज ने दी। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके द्वारा भेजे गए पत्रों का विभाग की ओर से किसी प्रकार का उत्तर नहीं दिया जाता है।

ऐसे में जब पंजाब व हरियाणा हाइकोर्ट की शरण में गए और कोर्ट ने सबंधित विभाग को सात दिन में कोई फैसला लेने के लिए कहा।  आबकारी कलेक्टर राकेश कुमार पोपली के समक्ष 11 अक्टूबर को पेश हुए और अपनी बात को रखा। इस पर विभाग के अधिकारियों ने कहा कि आबकारी पॉलिसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि उन्हें एक स्थान से दूसरी जगह ठेकों को ले जाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने इस मामले में साफ तौर पर इंकार कर दिया। इस पर कमलजीत ने कहा कि शहर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बंद हुए होटलों, रेस्तरां, डिस्को थैक के बारों को भी नये आदेश आने पर उनके लाइसेंस को रिन्यू किया गया है तो उन्हें  भी यह राहत दी जाए।

उन्होंने कहा कि शहर में एक ही आबकारी एवं कराधान पॉलिसी के तहत बंद पड़े होटलों, क्लबों, रेस्तरां, डिस्•ो थैक वा  बार के लाइसेंस को रिन्यू किया गया है तो उन्हें यह सुविधा देने में इंकार क्यों किया जा रहा है। बजाज ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के  आदेशों के बाद नगर प्रशासन के आबकारी एवां कराधान विभाग के  अधिकारियों ने अपनी आबकारी एवं कराधान पॉलिसी में किसी प्रकार संशोधन किये बिना ही होटलों, रेस्तरां, क्लबों के बार के लाइसेंस को रिन्यू कर दिया है जो नियमों के खिलाफ है। इस बात पर मोहर स्वयं विभाग के अधिकारियों ने अपने उत्तर में दे दिया है। क्योंंकि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बिना एक्ट में संशोधन किये लाइसेंस को रिन्यू एवं रिलोकेट नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह अब कोर्ट में प्रशासन के  इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करेगें। कोर्ट में प्रशासन के अधिकारयिों से पूछा जाएगा कि शहर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्या आबकारी एवं कराधान पॉलिसी में संशोधन किया था। बिना कि संशोधन के आखिल बार के लाइसेंस को रिन्य कैसे करदिया गया था। अगर प्रशासन के अधिकारी इस संशोधन की कॉपी पेश नहीं कर पाए तो शहर में चार माह से बंद पड़े होटलों, रेस्तरां, क्लबों के बार फिर बंद हो सकते हैं।

 

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