Photo by Vinay Kumar

चंडीगढ़
21 फरवरी 2017
दिव्या आज़ाद
राम दरबार फेज-2 के गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के बच्चों ने राज्य स्तर पर सिंगिंग में पहला स्थान प्राप्त किया और राष्ट्रीय स्तर पर कला उत्सव में दिल्ली तक पहुंच गए। इसके लिए स्कूल के बच्चों को मंगलवार को होम सेक्रेटरी द्वारा अवॉर्ड दिया गया। लेकिन दूसरी ओर स्कूल में कोई अलग ही कहानी चल रही है।
इस कहानी का पहला भाग आप पढ़ चुके हैं और आगे की छानबीन से कई नए खुलासे हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक प्रिंसिपल ने लाखों का माल हज़ारों में गोल कर दिया है जिसको लेकर ही सोमवार को विवाद छिड़ा था। सूत्रों की मानें तो 4 कमरों का ऑक्शन होना था लेकिन केवल 1 का ही ऑक्शन किया गया पर सामान चारों कमरे से गोल करने की प्लानिंग बन रही थी जिसके बीच स्कूल प्रबंधन कमेटी के प्रधान मनोज गर्ग आ गए और मामला उजागर हो गया।

बिना टेंडर अखबार में निकले ही कर दिया ऑक्शन
सूत्रों के अनुसार प्रिंसिपल ने बिना टेंडर निकाले ही अपनी मनमर्ज़ी से ऑक्शन कर दिया। इस बारे में जब प्रिंसिपल से सवाल किया गया तो उन्होंने जवाब दिया कि हमने डीपीआई ऑफिस, डीईओ, नॉडल ऑफिसर और लोकल वेंडरों के समक्ष टेंडर पेश किया था। प्रिंसिपल का कहना है कि इस प्रक्रिया के लिए अख़बार में टेंडर निकालने की आवश्यकता नहीं थी।

एसएमसी ने बुलाई आपातकालीन बैठक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को हुए विवाद को देखते हुए एसएमसी (स्कूल प्रबंधन कमेटी) ने मंगलवार सुबह आपातकालीन बैठक बुलाई जिसमें सभी 18 सदस्यों ने हिस्सा लिया। पूरे मामले पर चर्चा करने के बाद सदस्यों ने प्रिंसिपल से मांग की कि वे लिखकर दें कि इसके बाद स्कूल में  होने वाले सभी कार्यों की जानकारी एसएमसी को दी जाएगी और उसके बाद ही सभी बड़े निर्णय लिए जाएंगे। इस मामले पर जब मनोज गर्ग से पूछा गया तो उन्होंने इस बात की पुष्टि की।

आखिर मामला है क्या
यदि इस बात पर गौर किया जाए कि प्रिंसिपल ने लिखित में दिया है कि इसके बाद सभी निर्णयों की जानकारी एसएमसी को दी जाएगी तो यह सवाल खड़े करता है कि इस ऑक्शन को सभी से छुपाया क्यों गया और रात के अंधेरे में सामान क्यों निकाला जा रहा था।

अधिकारियों से मिलेंगे मनोज गर्ग

मनोज गर्ग ने अपनी ओर से बयान देते हुए कहा कि उन्हें अभी कुछ और जांच करनी है ताकि उन्हें पूरी संतुष्टि हो पाए और इसके लिए वे बुधवार को उच्च अधिकारियों से मीटिंग करेंगे जिसमें कई लोग हिस्सा लेंगे और उसके बाद ही किसी नतीजे पर पहुंचा जा सकेगा।

5 महीने पहले ही तो सामान की हुई थी मरम्मत

सूत्रों से जानकारी मिली है कि स्कूल में 5 महीने पहले ही टूटे हुए बेंच, टेबल आदि की मरम्मत करवाई गई थी। इस समय कोई भी ऐसा सामान नहीं है जिसे बेचना आवश्यक हो लेकिन उसके बावजूद ऐसा किया जा रहा है।

कैश में हो रही थी डीलिंग

सूत्रों से यह भी पता चला है कि ऑक्शन की आड़ लेकर स्क्रैप उठाने वाले व्यक्ति ने स्कूल को कोई चेक नहीं दिया बल्कि सामान उठाना पहले ही शुरू कर दिया था। न ही उसने गेट पर बैठे गार्ड को अपने कागजात दिखाए। सारी डीलिंग कैश में हुई है जिसकी कोई रसीद तक नहीं काटी गई।

डीपीआई का हवाला देकर बात टालने की हो रही कोशिश

प्रिंसिपल नीना शर्मा से जब भी कोई सवाल किया गया तो उन्होंने हर बार यही कहा की उच्च अधिकारियों के सामने ऑक्शन प्रक्रिया पूरी की गई थी जिसके लिए डीपीआई द्वारा 6 महीने पहले से ही प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। डीपीआई के दफ्तर से पत्र प्राप्त होने के बाद ही ऑक्शन हुआ जिसकी उन्हें पूरी जानकारी दी गई है। इस मामले पर डीपीआई से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।

4 COMMENTS

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