चंडीगढ़
17 जून 2017
दिव्या आज़ाद
ब्रह्मलीन श्री सतगुरू देव श्री श्री 108 श्री मुनि गौरवानंद गिरि जी महाराज की 30 वीं पुन्य बरसी समारोह के उपलक्ष्य में भव्य कलश यात्रा का आयोजन सैक्टर 23 बी स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर से किया गया। जो कि इसी सैक्टर से विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई श्री महावीर मंदिर में पहुंची। बैंड़ बाजों के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं व संकीर्तन मंडलियों के साथ यह कलश यात्रा जिन जिन मार्गों से होकर गुजरी वहाँ के लोगों ने पुष्प वर्षा कर इस भव्य कलश यात्रा का स्वागत् किया। इस दौरान संकीर्तन मंडलियों ने कीर्तन भी किया। इस कलश यात्रा में एक सुसज्जित रथ पर कथा व्यास पठानकोट/वृदांवन से परम् पूज्यनीय श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी विराजमान थे।
मंदिर के पं. दीप शर्मा जी ने बताया कि भव्य कलश यात्रा से पूर्व सैक्टर 23 स्थित श्री महावीर मुनि मंदिर में श्रीमद् भागवत् महापुराण की पूजा स्तुति की गई। तदोपरांत् श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के कथा व्यास परम् पूज्यनीय श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी की पूजा की गई फिर अनन्य पाठी ब्राहृमणों की पूजा की गई। तद्पश्चात् श्री महावीर मंदिर मुनि सभा के प्रधान श्री दलीप चंद गुप्ता व अन्य सदस्यगणों के साथ श्रीमद् भागवत् महापुराण को सिर पर उठाकर संकीर्तन करते हुए विभिन्न मार्गों से गुजरती हुई सैक्टर 23 बी स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में पहुंची, जहाँ पर उनका स्वागत् किया गया। उन्होंने बताया कि प्रथम दिन की पूजा प्रधान श्री दलीप चंद गुप्ता ने सपरिवार सहित की। इसके बाद इस मंदिर में कलशों की पूजा के उपरांत कलश यात्रा का आयोजन किया गया था। कलश यात्रा के कथा स्थल पहुंचने के बाद कथा व्यास परम् पूज्यनीय श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी ने संकीर्तन भी किया। पं. दीप शर्मा के साथ सभा के प्रधान श्री दलीप चंद गुप्ता, महासचिव एन.एस.चौहान व सभा के अन्य सदस्य उप प्रधान श्री ओ.पी पाहवा भी मौजूद थे।
जीवन में अच्छे संस्कार का होना जरूरी: जीवन में अच्छे संस्कारो का होना जरूरी है इससे एक ओर जहां परिवार संस्कारी कहलाता है वहीं समाज में भी अच्छे संस्कारों को अपनाने का संदेश जाता है। यह प्रवचन कथा व्यास परम् पूज्यनीय श्री अतुल कृष्ण शास्त्री जी ने अपने प्रवचनों के माध्यम से संदेश दिया। इस दौरान उन्होंने कथा सुनने वाले उपस्थित श्रद्धालुओं को बाह्मण आत्मदेव व धुंधली देवी की कथा सुनाई। जिसके माध्यम से उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति चाहे वह कितना भी बड़ा पापी हो, श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।