चंडीगढ़

1 जून 2020

दिव्या आज़ाद

सिख समुदाय हमेशा से वीरता व सेवा की प्रतिमूर्ति रहा है, चाहे युद्धकाल हो या फिर प्राकृतिक आपदा। संकट में घिरे लोगों की सेवा खासकर लंगर की सेवा, कोई सिख समुदाय से सीखे। ये कहना है समाजसेवी व पर्यावरणप्रेमी प्रेम गर्ग, सीए का। उन्होंने कहा कि करोना महाप्रकोप के दौरान भी विश्वभर में सिखों ने जरूरतमंदों को लंगर की सेवा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और यह सिलसिला अभी भी जारी है।

इसी कड़ी में आज सेक्टर 19 के गुरुद्वारा में सिख करोना योद्धाओं को सम्मानित किया। करोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में श्रमिक वर्ग व अन्य जरूरतमन्दों को दो जून की रोटी का इंतजाम करने में ट्राईसिटी के समाजसेवियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी, इनमें से कई दयालु तो पहले दिन से आखिर तक इस सेवा में जुड़े ही रहे। इन्ही करोना योद्धाओं जिनमें समाजसेवी रविन्द्र सिंह बिल्ला, गुरु का लंगर ऑय हॉस्पिटल के संचालक इंदरजीत सभरवाल, समाजसेवी बॉबी सिंह, पंचकूला वाले, जसविंदर सिंह नागपाल, चंडीगढ़ ट्राफ्फिक पुलिस में एएसआई भूपिंदर सिंह व सेक्टर 19 गुरुद्वारा के प्रबंधक सर्वजीत सिंह आदि का सम्मान आज वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के एडवाइजर व बेदी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. बेदी व सीए प्रेम गर्ग व पर्यावरणविद राहुल महाजन द्वारा किया गया।

प्रेम गर्ग ने इस मौके पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट कर समूचे सिख समुदाय को नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान करवाने के लिए पहल करने की मांग की। प्रेम गर्ग ने कहा कि इस सदी की सबसे लंबी व घातक वैश्विक आपदा के दौरान सिख समुदाय ने पूरे विश्व में किसी को भूखा नहीं सोने दिया। इससे बड़ी उपलब्धि और क्या हो सकती है। गुरु नानक देव ने अपने समय में एक क्रांतिकारी पहल करते हुए लंगर प्रथा शुरू की थी जिसका पालन आज भी पूरा सिख समुदाय पूरे तन-मन-धन के साथ करता आ रहा है। मानवता की सर्वोच्च सेवा को सर्वोच्च सम्मान मिलना ही चाहिए।

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