चंडीगढ़
13 अगस्त 2017
दिव्या आज़ाद
जन्माष्टमी की रौनक लोगों को हार साल की तरह इस वर्ष भी मठ की और खींच लाई है। चंडीगढ़ सेक्टर 20 में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को पिछले 44 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष 45वीं जन्माष्टमी के अवसर पर लगाई विशेष झांकियांलोगों को काफी आकर्षित करेंगी । चैतन्य गौड़ीय मठ के प्रवक्ता जय प्रकाश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया के इन झांकियों काउद्घाटन चंडीगढ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन द्वारा कियाजाएगा। सबसे पहले द्वार पर दो गोपाल जी के झूले व अन्य विशेषझांकियां बनाई गई हैं । जिम में सबसे पहले झांकी जिसमें दिखायागया के दुर्योधन के घर जब भगवान श्री कृष्ण महाभारत से पूर्व शांतिदूर बनकर गए और दुर्योधन को समझाया कि यह युद्ध ना हो तो उसनेमना कर दिया कहने लगा मर जाऊंगा या मार दूंगा पर हस्तिनापुर नादूंगा, इसके बाद जब दुर्योधन ने कृष्ण को भोजन खाने लिए कहा तोकृष्ण ने मना कर दिया और साथ ही विदुरानी के घर जाकर भूख केकारण केले के छिलके को ही खाने लग गए । दूसरी झांकी में मुस्लिमभक्त श्री हरिदास जी की सफल जीवन लीला को दिखाया। फिरअजन्मे भगवान श्री कृष्ण की लीला जिसमें देवकी और वसुदेवभगवान कृष्ण की तपस्या कर उनके जैसा पुत्र मांगने की इच्छा करतेहैं, तो भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि मुझ सा दूसरा तो ना कोई बस मैंही हूं , तो उस पर देवकी कहती के प्रभु आप ही मेरे पुत्र बनकरआओ। इसके बाद अगली झांसी में माता यशोदा जी की भक्ति के वशमें सर्वशक्तिमान भगवान श्री कृष्ण ।
आल इंडिया श्री चैतन्य गौड़ीय मठ जेनरल सेक्ट्री विष्णुमहाराज जी ने बताया कि हमारी इस जन्माष्टमी में सबसे बड़ीआकर्षक झांकी जिसमें स्क्रीन व मूर्तियों से लोगों को दिखाया गया केपंजाब राज्य के राजा द्रोपद ने एक यज्ञ करवाया जिसके फल मेंद्रोपती व घृस्टघुमन युवा अवस्था में अवतरित हुए । फिर पांडवों केसाथ द्रोपती का विवाह, पांडवों द्वारा द्रोपति को जुए में हारना वहदुर्योधन के कहने पर दुशासन का द्रोपति को बालों से खींचकर सभामें लाना , दुर्योधन के कहने पर दुशासन का द्रौपती की साड़ी खींचना,जिसे व खींचता-खिंचता थक जाता है । द्रोपति का भगवान श्री कृष्णको पुकारना व अकाश मार्ग से गरुड़ पर सवार होकर भगवान श्रीकृष्ण का आना और द्रोपति की लाज को बचाना । मठ की सुंदरताको बनाए रखने के लिए भगवान श्री कृष्ण का फूलों का महल जिसेइंटीरियर डिजाइनर करुण नरुला ने देसी वह विदेशी लगभग पांचक्विंटल फूलों से जैसे कि थाईलैंड से आए 8 रंगो वाले फूल आरकैट ,हॉलेंड से आए ट्यूलीप , हिमाचल से आए गुलदोदी व अन्य ग्लैडर्स वरजनीगंधा जैसे फूलों से भगवान श्री कृष्ण के बंगले को सजाया जाताहै। इन फूलों की कीमत लगभग 4:30 लाख रुपए के करीब है ।जिसकी सुंदरता और महक पूरे मठ को आकर्षित और महका देती है। इस रोनक को आप जन्माष्टमी के दिन देख पाएंगे। जन्माष्टमीउत्सव की रौनक व कारीगरी को विभिन्न राज्यों से आए 6 विशेषकारीगर लोगों के सहयोग से पूरा किया जाता है। जिनमें मठ प्रवक्ताजयप्रकाश बिहार से आए प्रोफेसर व मूर्तिकार जयप्रकाश, शम्भू अम्बष्ठा , इंजीनियर राजन इंटीरियर डिजाइनर करन नरुलाऑलराउंडर कारीगर मुकेश व सुमित रविंद्र कुमार वर्मा उर्फ छोटू हैप्रतीक वर्ष फूलों से सजे और खूबसूरत मूर्तियों से सुसज्जित भगवानश्री कृष्ण की जन्म लीला जन्माष्टमी को देखने का उत्साह यहां आएभक्तों में देखा जाता है झांकियों के अंत में इस्कॉन के 50 वर्ष पूर्णहोने पर एक विशेष सो जिसमें दिखाया की इस्कॉन के फाउंडर स्वामीप्रभुपाद पानी के जहाज से हरे कृष्णा भक्ति प्रचार के लिए वहअमेरिका गए जन्माष्टमी की रोज भगवान श्रीकृष्ण को रात 12:00 बजे 108 प्रकार के व्यंजनों से भोग लगाया जाता है नए वस्त्रों को पहनाया जाता है वह लोगों में चरणामृत बाटा जाता है पगले दिनविशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है जन्माष्टमी पर आए हुएलोगों की सहूलियत के लिए छह वाटर atm लगाए जाते हैं चंडीगढ पुलिस को शासन की ओर से 20 पुलिस बल व दो मेटल डिटेक्टरलगाए जाते हैं व मठ की और से लोगों को दिशा निर्देश देने के लिए70 से 80 वालंटियर भी तैनाती जाते हैं जिससे लोगों को किसीप्रकार की दिक्कत न आए।