चंडीगढ़
29 मई 2018
दिव्या आज़ाद
लक्ष्य ज्योतिषसंसथान का मुख्य उद्देशय वैदिक ज्योतिष कीधरोहर को आने वाले पीढ़ी को समर्पित करना एवंज्योतिष विद्या के प्रति भ्रांतियों को दूर करना है।संसथान का निजी विचार जो वेदों में है वो सर्वत्र हैऔर जो वेदों में नहीं है वो अन्यत्र भी नहीं है। यहकहना है लक्ष्य ज्योतिष संसथान के चेयरमैनडॉक्टर. रोहित कुमार आचार्य जी ,अध्यक्ष आचार्यवीना शर्मा और उपाध्यक्ष परवीन रजवाल का।
चंडीगढ़ में आयोजित पत्रकार वार्ता में आचार्यरोहित कुमार ने कहा की प्रतिदिन कुंडली केविश्लेषण में, जिसे गोचर भी कहते है ! और देखने मेंआता है कि अनुवांशिक गुण उनको माता पिता सेसंतान में हस्तांतरित होते है, जैसे किसी भी दम्पतिको काल सर्प योग के कारण संतान न हो पा रही होतो इष्ट देव के आशीष से और गुरु के आशीर्वाद सेऔर ज्योतिषीय उपायों के सहयोग से संतान होती हैतो वो भी काल सर्प योग से युक्त होगी ।
उन्होंने आगे कहा कि ज्योतिष विद्या में नवग्रहोंऔर12 राशियों व 27 नक्षत्रो और योगों का विशेषमहत्व है। वैदिक ज्योंतिष का जन्म वैदिक काल मेंही हो गया था, वेदों में होम-हवन यज्ञ आदि करने केलिए एक निश्चित समय बताया गया है । उस महूर्तकि जानकारी के लिए ज्योतिष्क का अविष्कारहुआ। वेदों में काल कि गणना के लिए युग, सवंतसरऋतु, मास, पक्ष, तिथि, नक्षत्र योग, करण, वार एवंराशियों कि परिभाषाएं मिलती है। इसीलिए इसशास्त्र को वैदिक ज्योतिष भी कहते है। वेदों में गृहशांति के लिए विधि विधानोंका संकेत मिलता है।ज्योतिष विद्या में कुछ कुयोग भी होते है, जिसकेकारण जातक को कष्ट मुसीबतों का सामना भीकरना पड़ता है। ऐसा जातक अपने जीवन कि संघर्षमें दो कदम आगे बढ़ता है तो चार कदम पीछे आताहै । इस जगत को धरम और अध्यात्म कि भाषा मेंमृत लोक और भोग लोक भी कहा जाता है । यहाँजो भी जन्म लेता है, उसे अपने पूर्व जन्म के फल केअनुसार सुख या दुःख भोगना पड़ता है।
ब्रह्माण्ड मंडल में प्रत्येक गृह लगातार सुरज कीपरिक्रमा करते हैं और गोचर रहते हैं और अपना कुछन कुछ प्रभाव रखते है और इस संसार में वह मानवपर प्रत्येक दुखद और सुखद घटना के लिएजिम्मेवार होते है। लक्ष्य ज्योतिष संसथान का मुख्यउद्देशय ज्योतिष शास्त्र मानव मात्र कल्याणर्थउदेशय कि पूर्ति करना है।
आचार्य रोहित कुमार ने कहा कि सफल और सुयोग्यज्योतिष अच्छे मनोचिकत्सिक का कार्य भी करताहै। ज्योतिष शास्त्र में दान, पुण्य, हवन, यज्ञ एवं गायकि सेवा, पेड़ पौधे लगाने और चालीसा का पाठकरने जैसे सरल उपायों को बताने का कार्य करताहै। जब व्यक्ति अपने भविष्य के बारे में सोचता है तोवो तनाव में आ जाता है, ज्योतिषीय उपाय उसेइससे राहत दिलाते है। वैदिक ज्योतिष सूत्रों परआधारित है। ज्योतिष विद्या से जातक अपनीकठिन से कठिन समस्या का भी समाधान पा सकताहै।