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चंडीगढ़
15 मई 2020
दिव्या आज़ाद
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबका साथ,सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित हैं। अन्नदाता का आर्थिक सशक्तिकरण हमारी प्राथमिकता है और किसानों की आय दुगुनी हो,उन्हें उनकी फसलों का सही दाम मिले,उनका उत्पादन बढ़े और भारत की कृषि निर्यात शक्ति में बढ़ोत्तरी हो इसके लिए चरणबद्ध तरीक़े से नीतियों का क्रियान्वयन हो रहा है। आत्मनिर्भर भारत के तीसरे चरण में किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण को केंद्र बिंदु में ध्यान रख कर हमने एग्रीकल्चर इंफ़्रास्ट्रक्चर जैसे फसल कटाई, कोल्ड चेन, स्टोरेज सेंटर जैसी सुविधाएं मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया है जिसके सकारात्मक परिणाम बहुत जल्द ही हमारे सामने होंगे। लोकल के लिए वोकल विजन को ध्यान में रखते हुए हमने माइक्रो फूड एंटरप्राइज को 10 हजार करोड़ रुपए देने की व्यवस्था की है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के जरिए मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रबंध हमने इस पैकेज में किया है। अन्नदाता को अतिरिक्त कमाई का अवसर उपलब्ध कराने के लिए 500 करोड़ रुपए का अलग से प्रावधान किया गया है। डेयरी उद्योग,पशुपालन के बुनियादी ढाँचे को विकसित पर 15 हजार करोड़ रुपए मोदी सरकार द्वारा किसानों को उपलब्ध कराए जाएँगे। हर्बल खेती को बढ़ाने के लिए 4000 करोड़ रुपए अलग से खर्च किए जाएंगे। खेती में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम दिलाने के लिए 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव किया जाएगा।
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