हिमाचल प्रदेश
9 जून 2021
दिव्या आज़ाद
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के लिए सभी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने जाने को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति से मंज़ूरी मिलने पर हर्ष जताते हुए इसे किसानों को मोदी सरकार की ओर से दिया गया तोहफ़ा बताया है।
अनुराग ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध है । आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में खरीफ की फसलों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) बढ़ाने पर केंद्र सरकार ने मुहर लगा दी है । केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों पर 50 फीसदी तक एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है।मोदी सरकार द्वारा एमएसपी को उत्पादन लागत के 1.5 गुना (अथवा उत्पादन लागत पर कम से कम 50% मुनाफा) के स्तर पर निर्धारित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अन्नदाता के आर्थिक सशक्तकरण के लिए केंद्र सरकार का यह सराहनीय निर्णय है जिसके लिए मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी समेत केंद्रीय कैबिनेट का आभार प्रकट करता हूँ”
आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “मोदी के नेतृत्व में विगत 7 वर्षों में लगातार कृषि के क्षेत्र में एक के बाद एक अनेक ऐसे निर्णय हुए हैं जिसकी अन्नदाता वर्षों से बाट जोह रहा था । एमएसपी के माध्यम से किसानों को उनकी फसल का सही दाम मिल रहा है,ख़रीद बढ़ने के साथ साथ किसानों की ख़ुशहाली बढ़ रही है। पिछले वर्ष के 372.23 एलएमटी खरीद की तुलना में, अब तक लगभग 416.95 एलएमटी से अधिक गेहूं की खरीद हुई है, जिससे लगभग 45.67 लाख किसान लाभान्वित हुए हैं। जारी खरीफ विपणन मौसम 2020-21 (6 जून 2021 तक) हेतु, पिछले साल के 736.36 एलएमटी की तुलना में, एमएसपी पर 813.11 एलएमटी से अधिक धान की खरीद की गई, जिससे कि जारी केएमएस के लिए 120 लाख से अधिक किसानों को लाभ हुआ है।
अनुराग ठाकुर ने कहा “ हमने पूरी पारदर्शिता के साथ किसानों के खातों में पैसे पहुँचाने का काम किया जिसका परिणाम है कि रबी विपणन मौसम 2020-21 (6 जून 2021 तक) में गेहूं की खरीद के लिए किसानों को सीधे डीबीटी के माध्यम से 82,347.39 करोड़ रूपए हस्तांतरित किये गए हैं। रबी विपणन मौसम 2020-21 (6 जून 2021 तक) में धान की खरीद के लिए किसानों को सीधे डीबीटी के माध्यम से 1,53,515.20 करोड़ रूपए हस्तांतरित किये गए हैं। विपक्षी दलों ने एमएसपी पर सिर्फ़ राजनीति कर किसानों को छलने का काम किया है। एमएसपी पहले भी थी ,अभी भी है ,आगे भी रहेगी और एमएसपी पर किसानों से फसल की ख़रीद आगे भी जारी रहेगी”।