चंडीगढ़
23 जून 2024
दिव्या आज़ाद
पिछले कई वर्षों से चंडीगढ़ के उद्योगों के उद्योगपतियों को आ रही विभिन्न समस्याओं का निवारण एमएसएमई को पूर्ण रूप से लागू किए जाने के उपरान्त किया जा सकता है जिसके लिए वे एक बार फिर केंद्र सरकार से बात करके इसका समाधान निकालेंगे ताकि उद्योगपतियों की समस्याओं का जड़ से समाधान हो सकेगा। यह बात लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने चंडीगढ़ के एक निजी होटल में लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ के कार्यकारिणी सदस्यों से आश्वासन देते हुए कही। इस दौरान उनके साथ लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरविन्द धूमल, लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष अवि भसीन, कोषाध्यक्ष संजीव मोंगिया, उपाध्यक्ष सुनील खेत्रपाल व संजीव गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अक्षय चुग व अन्य कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।
राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा व उपाध्यक्ष अरविंद धूमल के साथ हुई इस अहम बैठक में लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष अवि भसीन व उपाध्यक्ष सुनील खेत्रपाल ने उन्हें बताया कि पिछले कई वर्षों से चण्डीगढ़ का उद्योग विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है जिसके लिए वे कई मर्तबा प्रशासन व गवर्नर से व्यक्तिगत और लिखित दोनों रूपों से अवगत करवा चुका है लेकिन इस समस्या का कोई भी निवारण नहीं हो पाया है।
उन्होंने बताया कि एमएसएमई एक्ट तथा कन्वर्जन पॉलिसी के साथ कई अन्य गंभीर मुद्दे हैं। जो शहर को पीछे की ओर धकेल रहे हैं। क्योंकि पॉलिसी न लागू होने के कारण शहर पिछड़ता जा रहा है। एमएसएमई एक्ट 2006 जिसको पार्लियामेंट में मान्यता मिल गई है लेकिन चंडीगढ़ में आधा अधूरा लागू हुआ है। एमएसएमई यदि पूर्ण रूप से लागू होता है तो 90 प्रतिशत समस्याएं ठीक हो जाएंगी और व्यापार फिर से पटड़ी पर आ जाएगा तथा व्यापारी अपना व्यापार यहां चला व बढ़ा पाएगें।
अवि भसीन ने कहा कि लीज होल्ड से फ्री होल्ड एक लम्बित पड़ा हुआ मुद्दा है यदि यह पॉलिसी आ जाती है तो इससे नये स्टार्ट-अप, नये व्यापार में निवेश बढ़ेगा जिससे शहर को एक पहचान मिलेगी और प्रशासन को राजस्व मिलेगा और इसके साथ ही बेरोजगारी में ही सुधार होगा। उन्होंने बताया कि 2019 की इंडस्ट्रियल पॉलिसी के अंर्तगत प्रशासन ने बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) पॉलिसी लेकर आया जिससे व्यापारी वर्ग को बहुत ही नुकसान उठाना पड़ा। इतना ही नही इससे खुद का बनाया हुआ माल भी आम आदमी को बेचना दुभर हो गया। जबकि प्रशासन को बी2सी (बिजनेस टू कस्टमर नीति) को अपनाकर व्यापारियों की समस्या का निवारण करना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में उद्योग के लिए पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर अतिरिक्त एफएआर का प्रावधान होना चाहिए।
लघु उद्योग भारती, चंडीगढ़ इकाई की सभी बातों को ध्यान से सुनने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने आश्वासन दिया कि वे एक बार फिर केंद्र सरकार के समक्ष इन अहम मुद्दों को रखेंगे और इसका समाधान निकाल कर व्यापारियों को समस्याओं से निजात दिलवायेगें।