चंडीगढ़
16 सिंतबर 2022
दिव्या आज़ाद
चंडीगढ़ नगर निगम ने टाउन वेंडिंग प्रोटेक्शन एक्ट के तहत रेहड़ी-फड़ी वेंडरों की मांगें पूरी नहीं की हैं। यदि हमें सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो हम फीस नहीं देंगे। यह कहना है रेहड़ी फड़ी संघर्ष कमेटी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज शुक्ला का। रेहड़ी फड़ी संघर्ष कमेटी एसोसिएशन द्वारा आज प्रेस वार्ता की गई जिसमें उन्होंने अपनी प्रमुख मांगें सामने रखीं। इस मौके पर उनके साथ एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बॉबी मेहता, राष्ट्रीय महासचिव अखिलेश सक्सेना, चंडीगढ़ के अध्यक्ष पप्पू रावत, महिला विंग की प्रधान रानी, अरुण मंडल आदि उपस्थित रहे।
एसोसिएशन ने प्रमुख मांगे रखी हैं जिसमें उन्होंने मांग की है कि किसी भी लाइसेंस प्राप्त वेंडर का किसी भी प्रकार का चालान न किए जाए, वेंडरों के लिए बिजली पानी एवं शौचालय की व्यवस्था करवाई जाए, वेंडरों को जगह उनके रोजगार के हिसाब से दी जाए, वेंडरों को सर्वे वाली जगह पर ही रहने दिया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यदि हमें सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो हम फीस नहीं देंगे। इसके साथ जो वेंडर टूरिस्ट प्लेस पर रेहड़ी फड़ी लगाते हैं उनको वहीं पर लाइसेंस देकर स्थापित किया जाए। यह टाउन वेंडिंग प्रोटेक्शन एक्ट के कानून के हिसाब से नहीं हो रहा है इसको लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की है कि चंडीगढ़ नगर निगम वेंडरों से 300 रुपए महीना वेंडर लाइसेंस फीस ले जो वेंडर आराम से भर सकते हैं।
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज शुक्ला ने कहा कि ऐसी बहुत सी हमारी मांगें हैं जो टाउन वेंडिंग प्रोटेक्शन एक्ट के तहत नगर निगम ने पूरी नहीं की हैं और बड़े पैमाने पर नगर निगम के आला अधिकारियों ने उस में धांधली की है। बहुत जल्द हमारा एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम कमिश्नर आनंदिता मित्रा से मुलाकात करके उन को ज्ञापन देगा। इस ज्ञापन में हम मांग करेंगे कि चंडीगढ़ में 35000 लोगों का फिर से सर्वे किया जाए जिसका ठेका चंडीगढ़ की जानकारी रखने वाले एनजीओ या संस्था को सौंपा जाए। मनोज शुक्ला ने इस मौके पर अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं चंडीगढ़ कार्यकारिणी की घोषणा भी की।