सोनीपत /दिल्ली/चंडीगढ़
11 जुलाई 2021
दिव्या आज़ाद
सिंघु बॉर्डर को एक तरफ से खोलने की मांग के खिलाफ अब इलाके की 35 पंचायत, आर डब्ल्यू ए, पेट्रोल पंप वाले व इंडस्ट्रियल यूनियन राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के बैनर तले आर पार की लड़ाई को तैयार हैं , गौरतलब है कि महापंचायत करके कुछ दिन पहले मंच ने सरकार को जो अल्टीमेटम दिया था वो बेअसर रहा है ,इसीलिएअब 21 जुलाई को 1400-1500 लोग शांतिपूर्ण पैदल रोष मार्च करेंगे , *के एम पी से शुरू कर के यह मार्च सिंघु बार्डर तक चलेगा , मार्च द्वारा सरकार को दर्शाया जाएगा की आमजन एकजुट होकर सरकार से अपनी मांगों को मनवाने को कुछ भी करने को तैयार है।
रविवार को गांव मनोली में कार्यकारणी सदस्यों की जिसमें गांव सिंघु बॉर्डर के बंद होने एवं आंदोलनकारियों के व्यवहार से हो स्थानीय लोगों को हो रही समस्याओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा भी की गई । गांव सेरसा में हुई महापंचायत में मंच के माध्यम से स्थानिय लोगों द्वारा सरकार एवं प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया था कि वह आस-पास के गांव की समस्याओं को देखते हुए बॉर्डर का एक तरफ से रास्ता खोलने के लिए दिया गया था । संयुक्त किसान मोर्चा से अपील की गई थी । परन्तु दोंनो की तरफ से इस बारे में कोई भी सकरात्मक पहल नहीं की गई । इस बारे में मुख्यमंत्री कार्यालय से भी मिलने के लिए बार-बार प्रयास भी किए गए परंतु किन्ही कारण से मुलाकात नहीं हो सकी । इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए मंच द्वारा प्रभावित ग्रामीणों एवं अन्य के साथ मिलकर 21 जुलाई को केएमपी से सिंघु बॉर्डर की तरफ पैदल मार्च के निर्णय को सर्व सहमति से समर्थन दिया गया । मंच के अध्यक्ष हेमन्त नांदल ने कहा कि अब अपने क्षेत्र की बर्बादी को धृतराष्ट्र की तरह मूकदर्शक बनकर नहीं देखा जा सकता । आंदोलन से जुड़े हरियाणा के उन सभी सामाजिक व्यक्तियों को अब स्थानीय लोगों की समस्याओं पर अपना पक्ष रखने की जरूरत है। क्योंकी समाज उनकी तरफ अब उम्मीद से देख रहा हैं , परन्तु वो समाज की अनदेखी करते हुए महत्वकांक्षी बन चुके है। हेमंत नांदल ने कहा कि रास्ते पे चलना हमारा संवैधानिक अधिकार है और अब हम एक तरफ का रास्ता जरूर लेंगे। आंदोलन करने का अधिकार सबको है पर अब हम अपने क्षेत्र के विकास के साथ कोई समझौता नही होने देंगे। बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने पैदल मार्च को सफल बनाने के लिए घर-घर जनसंपर्क अभियान हेतु गांव-गांव कमेटी बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया। पैदल मार्च में दिल्ली के गांव से भी सहयोग लिया जाएगा। जल्द ही एक अन्य कार्यकारणी सदस्यों की बैठक कर पैदल मार्च की तैयारियां एवं जिम्मेदारी भी तय की जाएगी ।
अशोक खत्री ने कहां की आज के समय में स्थानीय लोगों का जीवन प्रवासियों की तरह हो गया हैं। अधिकत्तर लोग अपने घरों में ही बंधक बनकर रह गए हैं । रामफल सरोहा ने कहा कि पुरषों के साथ हिंसा , महिलाओं के साथ छेड़खानी एवं राहगीरों के साथ आंदोलनकारियों का अभद्रतापूर्ण व्यवहार को अब क्षेत्रवासियों के द्वारा सहन नही किया जाएगा । बैठकमें राकेश सहरावत, ताहर सिंह, मास्टर सतीश जी , कुलदीप काजल,चरण सिंह चौहान, विकास, दीपक अटेरना, प्रेम प्रकाश, संजय चौहान, एवं मनीष चौहान सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।