पंजाब पुलिस के डीएसपी का सताया परिवार आत्म हत्या करने को मजबूर

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मोहाली

27 अप्रैल 2022

दिव्या आज़ाद

मुझे और मेरे परिवार को अगर हालात ऐसा रहा तो 1 दिन आत्महत्या ही करना पड़ेगा, इसके अलावा मेरे पास और कोई रास्ता नहीं रहा। यह विचार आज पंजाब पुलिस के डीएसपी के सताए एक पीडि़त जिसका नाम राजवीर सिंह ने पंजाब पुलिस की प्रताडऩा से तंग आ कर आयोजित प्रैसवार्ता में पत्रकारों से व्यक्त किए।


मोहाली निवासी पीडि़त नौजवान और भाजपा नेता राजबीर सिंह ने अपने परिवार के साथ पत्रकारों को बताया कि डीएसपी जो कि पंजाब पुलिस से संबंधित है उनके साथ किसी कारण बस विवादित विवाद चल रहा है, जिस मामले में लगातार पुलिस उनका साथ नहीं दे रही है और जहां कहीं भी वह इंसाफ की गुहार लगाते हैं वहां पुलिस उल्टा उन पर ही दबाव बनाने लगती है। राजवीर सिंह ने मीडियाकर्मियों को बताया कि बीती रात उनके दोस्त किंदरबीर सिंह जो कि मोहाली से रहने वाले हैं उनके पास रात 11:00 बजे के करीब उनके घर पर मिलने आए थे और वह दिल्ली से वापस अपने घर आए थे। दोस्त को मिलने के बाद जब किंदरबीर सिंह सेक्टर 69 में शिवालिक हॉस्पिटल के पास से रोड पर उनकी गाड़ी से किसी अन्य नौजवानों से कहा-सुनी हुई और मामला दोस्तों की जान को बन आया जिसके बारें में जानकारी मिलने पर वह स्वंय मौके पर पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनके दोस्त किंदरबीर सिंह के कनपटी पर रिवाल्वर तान दिया और किसी तरीके से बाहर निकाला।

राजवीर का जो कहना है कि उनके दोस्त किंदरबीर सिंह पास रिवाल्वर था जिसको कि हमलावरों ने छीन लिया और छीनने के बाद उसमें से कुछ कारतूस ले गए और बाद में उनके दोस्त को छोड़ कर हमलावर बाद वहां से भाग गए। राजवीर सिंह ने मीडिया कर्मियों को यह भी बताया कि जब उनको इस मामले की जानकारी मिली तो रात ही वह घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने मौके पर ही संबंधित पुलिस स्टेशन और 8 के थाना प्रभारी को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई इसके बाद उन्हें मेडिकल करवाने के लिए सिविल हॉस्पिटल अपने दम पर भेज दिया गया, जिसके बाद उनकी वहां पर जाकर वहां के महिला स्टाफ से कुछ कहासुनी हुई, जिसमें उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि उनको फेस- 8 के थाना प्रभारी ने भेजा हुआ है और वह मेडिकल करवाना चाहते हैं । इस दौरान राजवीर ने यह भी बताया कि जिस समय वह अपने अपने दोस्त की एमएलआर कटवाने के लिए मेडिकल उपचार लेने के लिए बातचीत कर रहे थे, उस समय वहां पर एक विदाउट यूनिफार्म में एक पुरुष जो है वह आता है जो कि अपने आप को पुलिस कर्मचारी बताता है जिस पर आई कार्ड मांगने पर विवाद बढ़ जाता है और मामला यहां तक पहुंच जाता है कि पहले पुलिस को भी वहां पर आना पड़ता है जिसमें पहले फेस के एसआई राजकुमार अपनी टीम के साथ पहुंचते हैं और राजवीर उनके साथियों पर सरेआम गुंडागर्दी करने लगते हैं ।

राजवीर का आरोप है कि राजकुमार उनकी बात बिना सुने ही डायरेक्ट बात सुनने की बजाय राजवीर को हाथों से पकड़ लेते हैं और यह कहते हैं कि पुलिस से पंगा लेना अब तुझे महंगा पड़ेगा जिसकी इस सब चीजों की उनके पास वीडियो है और उनके दोस्तों ने वीडियो बनाई और मामला यहां तक बिगड़ा की राजकुमार ने वर्दी में उल्टा उनके साथ गुंडागर्दी । राजबीर ने बताया कि मामला यहीं शांत नहीं हुआ राजकुमार जो वीडिय़ों में कहता दिखाई और सुनाई देता है कि पुलिस वालों से पंगा लेना महंगा पड़ेगा ठीक वैसे ही हुआ और जब वह वारदात के अगले दिन दोपहर को प्रैसवार्ता पुलिस के खिलाफ करने लगे तो उल्टा पुलिस ने देर शाम उनको और उनके साथियों को गिरफ्तार करके उनको प्रताडि़त किया गया। लेकिन वह बेकसूर थे और भगवान की दया से बच निकले। लेकिन उन्हें पूरा डर है कि यह सब कुछ पंजाब पुलिस के डीएसपी राजकुमार की सह पर हो रहा है क्योंकि इससे पहले उनको गैंगस्टरों से धमकी और फिर पुलिस की ओर से उनके पीछे साजिश रची जा रही है। इसलिए यदि उनको इंसाफ पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस के उच्चाधिकारियों से नहीं मिलता तो वह पंजाब को छोड़ कर अन्य राज्य में चले जाएंगें या फिर अपने परिवार के साथ आत्म हत्था ही करने को मजबूर हो जाएंगें।


राजबीर सिंह ने बताया कि राजवीर सिंह ने बताया कि इस घटना को लेकर उन्होंने पंजाब के डीजीपी से मुलाकात करने के लिए पहुंचे थे जहां पर उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज कराई है मामले की शिकायत दी है और इस दौरान उन्होंने मीडिया से के सामने अपील करते हुए कहा है कि यदि उन्हें इस मामले में इंसाफ नहीं मिलता क्योंकि टारगेट पर उनका दोस्त किंदरबीर नहीं बल्कि वह स्वयं निशाने पर थे क्योंकि जिस तरह को पहले भी पहले भी उन्हें गैंगस्टर की ओर से धमकियां मिल रही थी । उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में डीएसपी राजकुमार का इशारा है और पुलिस इसीलिए किसी न किसी कारण से राजवीर को टारगेट करना चाहती है । उन्होंने कहा कि अगर उन्हें इंसाफ ना मिला तो वह अपने परिवार समेत कभी भी सुसाइड / आत्महत्या कर सकते हैं जिसके लिए पंजाब पुलिस का डीएसपी राजकुमार और मौजूदा वह अफसर जो पुलिस के अधिकारी हैं जिनका नाम अभी तक उन्होंने खुलासा नहीं किया है उनकी मौत के जिम्मेवार होगें।

राजवीर सिंह के मामले में जालंधर पोस्टेड डीएसपी राज कुमार का कहना है कि उनकी ऊपर लगाए जाने वाले सभी आरोप बेबुनियाद हैं और इस मामले में एक नहीं बल्कि तीन-तीन इंक्वायरी बैठ चुकी है और उन को क्लीन चिट मिल चुकी है उन्होंने यह भी कहा कि यदि राजवीर या कोई और 2018 के मामले को आज और या कल में कोई प्रेस वार्ता करके यह दावा करें या कोई एलिवेशन लगाए तो उसका यह तो मतलब नहीं कि क्या कहते हैं वह गुनहगार हो जाते हैं उन्होंने कहा कि मामला उनकी वह हाई कोर्ट में है और जो नतीजा होगा उसके लिए वह जो भी फैसला आएगा उसके लिए वह तैयार है

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